भीलवाड़ा: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि भीलवाड़ा के निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने सदस्यता देने से इनकार कर दिया है. इसलिए उन पर दलबदल कानून लागू नहीं होता. यह विषय अध्यक्ष के संज्ञान लेने जैसा नहीं बना. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्याय प्रतिमा को बदलने के फैसले को सराहनीय बताते हुए स्वागत किया है.
निर्दलीय विधायक पर स्पीकर ने क्यों नहीं लिया संज्ञान (ETV Bharat Bhilwara) देवनानी गुरुवार को भीलवाड़ा हरी सेवा धाम में आयोजित बाबा शेवाराम के वार्षिकोत्सव में शिरकत करने आए थे. इस दौरान उन्होंने हरी सेवा धाम महामण्डलेश्वर मंहत हंसाराम से आशीर्वाद लिया और कार्यक्रम में शामिल हुए. इसके बाद देवनानी सर्किट हाउस पहुंचे. जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. इस दौरान उनके साथ विधायक गोपाल खंडेलवाल भी मौजूद रहे.
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सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए देवनानी ने कहा कि जब तक कोई विधायक विधानसभा में विधायक दल की सदस्यता नहीं लेता है, तब तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है. भीलवाड़ा शहर के विधायक अशोक कोठारी को पार्टी ने सदस्यता देने से मना कर दिया है. विधानसभा का नियम है कि कोई भी विधायक पार्टी का सदस्य तो बन नहीं सकता है, मगर संबंध सदस्य बनकर वह पार्टी में रहकर कार्य कर सकता है. साथ ही देवनानी ने यह भी कहा कि अगले वर्ष हमारा प्रयास रहेगा कि विधानसभा 3 सत्रों में चले और जितने अधिक दिन विधानसभा चलेगी उतना ही अधिक जनता के हित में कार्य होगा.
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वहीं उन्होंने एमएलए लिखे वाहनों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कई जगह एमएलए लगे फर्जी स्टीकर वाली गाड़ियों पर डीजीपी को पत्र लिखा. डीजीपी से कहा कि वे सभी एसपी को निर्देश दें कि फर्जी एमएलए स्टीकर वाली गाड़ियों पर कानूनी कार्रवाई करें. विधानसभा ने प्रत्येक विधायक को एक गाड़ी के लिए गाड़ी नंबर लिखा हुआ एमएलए पास जारी किया गया. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है कि कानून की देवी की आंखों पर पट्टी और एक हाथ में तराजू था, उसे हटाकर बड़ा सराहनीय कार्य किया है. एक हाथ में तलवार की जगह संविधान रखा गया है. इसके लिए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पहल का स्वागत करता हूं.