रांची: झारखंड दौरे पर आए असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य सरकार से एनआरसी लागू करने की मांग की है. उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर केंद्र सरकार द्वारा दायर याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक डिप्टी कमिश्नर अलग-अलग बातें कह रहे थे, लेकिन जो हलफनामा दायर किया गया है, उससे साबित हो गया है कि संथाल की स्थिति क्या है.
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार कह रही थी कि यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है, यह केंद्र की जिम्मेदारी है. हमारे लिए यह बहुत खुशी की बात है कि केंद्र सरकार ने खुद आगे आकर कहा कि एनआरसी तैयार करने दीजिए, सच्चाई सामने आ जाएगी और सरकार ने पूरे मामले का स्टैटिसटिकल डेटा भी रखा है, इसलिए मैं 16 तारीख को इस विषय पर आप लोगों से बात करने की कोशिश करूंगा, प्रधानमंत्री की रैली होने दीजिए, केंद्र सरकार के हलफनामे में संथाल परगना की स्थिति बताई गई है, उसमें पूरी सच्चाई सामने आ गई है.
असम के सीएम ने कहा कि राज्य सरकार या डिप्टी कमिश्नर इतने दिनों से जो बकवास कर रहे थे, वह सब उजागर हो गया है. झारखंड सरकार को एनआरसी के लिए हां कहना चाहिए, हमें झारखंड को घुसपैठियों से मुक्त करना है.
आदिवासियों की पहचान खतरे में
उन्होंने कहा कि आज यह स्थिति बता दी गई है कि किस तरह आदिवासियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. इस हलफनामे के बाद मुख्यमंत्री के पास कहने को क्या बचा है. आज घुसपैठियों के कारण आदिवासियों का अस्तित्व और आदिवासियों की पहचान दोनों खतरे में है. अगर 10 साल तक यही स्थिति रही तो डीलिमिटेशन के बाद आदिवासियों के हाथ में कुछ नहीं रहेगा. जिस तरह आदिवासियों की संख्या कम होती जा रही है, आज अगर नया परिसीमन होता है तो संथाल में कितनी आदिवासी सीटें बचेंगी, सब कुछ आदिवासियों के हाथ से निकल जाएगा.
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