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अशोकनगर में अन्नदाताओं ने किया चक्काजाम, डीएपी के साथ NPK खाद मिलने से नाराज - ASHOKNAGAR FARMERS BLOCK ROAD

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 3:30 PM IST

अशोकनगर में खाद को लेकर किसानों ने चक्का जाम कर दिया. किसानों का आरोप है कि प्रशासन उन्हें जबरन डीएपी बोरियों को साथ एनपीके की बोरियां थमा रहा है.

ASHOKNAGAR FARMERS BLOCK ROAD
अशोकनगर में अन्नदाताओं ने किया चक्काजाम (ETV Bharat)

अशोकननगर।देश भर को अन्न देने वाला किसान लाइनों में लगकर जैसे तैसे खाद ले रहा है, लेकिन ऐसे में भी किसानों को डीएपी के साथ-साथ एनपीके खाद भी प्रशासन द्वारा जबरन थमाया जा रहा है. जिससे नाराज होकर किसानों ने खाद्य वितरण केंद्र के बाहर व एचडीएफसी तिराहे पर चक्का जाम कर दिया. 2 घंटे प्रदर्शन के बाद एनपीके खाद की अनिवार्यता प्रशासन द्वारा रद्द कर दी गई.

अशोकनगर में अन्नदाताओं ने किया चक्काजाम (ETV Bharat)

डीएपी बोरियों के साथ मिल रहा एनपीके खाद

बता दें कि खरीफ फसल की बुवाई का समय आ चुका है. ऐसे में किसान खाद लेने के लिए खाद वितरण केंद्र पर सुबह 6 से ही पहुंचना शुरू कर देते हैं. लंबी कतार के बाद किसानों को कम से कम दो डीएपी की बोरियां और अधिक से अधिक पांच बोरियां ही उपलब्ध हो पाती हैं, लेकिन इसके साथ में प्रशासन द्वारा किसानों को पांच डीएपी की बोरियों के साथ दो एनपीके खाद की बोरियां लेना अनिवार्य कर दिया. जिससे किसान भड़क गए और उन्होंने खाद वितरण केंद्र के

एनपीके खाद मिलने से नाराज किसान (ETV Bharat)

बाहर सड़क पर चक्का जाम कर दिया.

इसके अलावा किसानों ने एचडीएफसी चौराहे पर भी बाइक लगाकर जाम लगा दिया. इसके बाद सिटी कोतवाली टीआई मनीष शर्मा ने मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाइश दी. किसानों को लेकर वापस वेयरहाउस पहुंचे. जहां कृषि उपसंचालक, नायब तहसीलदार एवं पुलिस अधिकारियों ने किसानों को समझाइश दी और डीएपी खाद के साथ एनपीके खाद की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया. इसके बाद किसान शांत हुए.

किसान बोले NPK का गेंहू में होता है प्रयोग

किसानों ने बताया की सोयाबीन एवं मक्का की फसल में एनपीके का उपयोग नहीं होता है. इसका प्रयोग गेहूं की फसल में किया जाता है. एनपीके अगर हम ले भी लेते हैं, तो इसे 4 महीने तक रखना पड़ेगा. जिसका प्रयोग अगले गेहूं की फसल में किया जाएगा. जिससे हमारे ऊपर अतिरिक्त खर्च लग रहा है. प्रशासन द्वारा जबरन एनपीके खाद हम पर थोपना गलत है. जिसको लेकर हमने चक्का जाम किया है.

किसानों ने किया चक्का जाम (ETV Bharat)

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NPK की अनिवार्यता समाप्त

नायब तहसीलदार मयंक तिवारी ने बताया 'मुख्य कारण यह है, कि ऊपर से निर्देश थे की पांच बीघा जिसके पास जमीन है. उसको दो डीएपी और एक एनपीके खाद देना है. अधिकतम कितना भी बड़ा किसान हो, उसको 6 डीएपी और दो एनपीके देना है, क्योंकि एनपीके खाद भी अच्छी है. इसमें भी नाइट्रोजन फास्फोरस दोनों ही तत्व हैं, लेकिन किसानों की मानसिकता है कि हमें केवल डीएपी ही प्रयोग करना है. जिसमें बदलाव की आवश्यकता है. जो समय-समय पर हमारे कृषि वैज्ञानिक बदलते भी हैं. सुबह जो चक्का जाम हुआ था. उनकी मुख्य मांग थी, कि हमें एनपीके नहीं चाहिए. जिस पर पहले उन्हें समझाइश दी और उनके सामने एक विकल्प दिया गया की जो एनपीके नहीं लेना चाहता है. उसे 6 डीएपी की जगह केवल चार डीएपी की बोरियां दी जाएगी. इस बात पर किसान भाइयों के साथ हमारा सामंजस्य हुआ है. किसानों के साथ मध्यस्थ अधिकतम 4 डीएपी बोरियों के साथ की गई है.

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