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भाजपा नेता बिधूड़ी के बयान की गहलोत ने की निंदा, कहा- भाजपा को लेना चाहिए था एक्शन - GEHLOT ON RAMESH BIDHURI

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के हालात पर चिंता जाहिर की है.

बिधूड़ी के बयान की गहलोत ने की निंदा
बिधूड़ी के बयान की गहलोत ने की निंदा (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 7, 2025, 1:09 PM IST

जयपुर.भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी के कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर सियासी बयानबाजी जारी है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रमेश बिधूड़ी के बयान को घटिया बताया है. उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों पर भाजपा को एक्शन लेना चाहिए था. लेकिन क्या एक्शन लिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि आज देश में ध्रुवीकरण की राजनीति आम हो गई है. इससे चुनाव तो जीते जा सकते हैं. लेकिन क्या आपसी सौहार्द और भाईचारा कायम रहेगा. इस पर बड़ा सवालिया निशान लग रहा है. अशोक गहलोत ने आज एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, देश का माहौल इस कदर विवादास्पद बन गया है. भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी के जो बयान आए हैं. उससे घटिया बयान क्या हो सकते हैं.

महिलाओं का मान-सम्मान नेताओं की जिम्मेदारी :गहलोत ने कहा, आप महिलाओं की बात करते हो. महिलाओं का मान-सम्मान सुनिश्चित रखे. यह तमाम देश के लोगों की जिम्मेदारी है. यह नेताओं की जिम्मेदारी होती है. उन्होंने (बिधूड़ी ने) जिस प्रकार के बयान दिए हैं. चाहे वो प्रियंका गांधी के बारे में हो या दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के बारे में हो. इससे घटिया और निंदनीय बात क्या हो सकती है. अफसोस इस बात का है कि उस बयान के बाद में भाजपा के नेताओं ने कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की. जो करनी चाहिए थी. इस पर तो भाजपा को एक्शन लेना चाहिए था. क्या एक्शन हुआ.

पढ़ें:प्रियंका गांधी पर रमेश बिधूड़ी के आपत्तिजनक बयान पर भड़के पायलट, कहा- नेताओं के शब्दों से झलकती है भाजपा की महिला विरोधी सोच

जो सत्ता पक्ष में है, उसकी बड़ी जिम्मेदारी : गहलोत बोले, आप समझ सकते हो कि देश किस दिशा में जा रहा है. देश में हालात बहुत ही गंभीर हैं. ध्रुवीकरण की राजनीति ऐसी हो गई है कि उसके कारण चुनाव तो जीते जा सकते हैं. लेकिन देश और प्रदेश में आने वाले समय में क्या स्थिति बनेगी. कैसे हम प्यार-मोहब्बत से रहेंगे. किस तरह आपस में भाईचारा कायम रहेगा. इस पर एक बहुत बड़ा प्रश्न चिह्न लग गया है. इसे समझने की आवश्यकता है. सबसे ज्यादा जिम्मेदारी सरकार में बैठे हुए लोगों की होती है. चाहे वो प्रधानमंत्री हो या गृहमंत्री हो. चाहे मंत्रिमंडल हो. जो सत्ता पक्ष होता है. उसकी बड़ी जिम्मेदारी होती है. यह बड़ी चिंतनीय बात है. उन्होंने इस पूरे मामले की कड़े शब्दों में निंदा की है.

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