देहरादूनःहोली के पांचवें दिन होने वाले ऐतिहासिक श्री झंडेजी का आरोहण 30 मार्च को होगा. इस साल होशियारपुर, पंजाब के हरभजन सिंह दर्शनी गिलाफ चढ़ाएंगे. आज श्री झंडा जी मेला आयोजन समिति ने तैयारियों को लेकर बैठक की. बैठक के दौरान मेले पर आयोजित होने वाले विशेष आयोजनों और कार्यक्रमों की तारीखों के अनुसार सफल आयोजन के लिए रोडमैप पर चर्चा की. साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था, संगतों के ठहरने और अन्य व्यवस्थाओं के लिए मास्टर प्लान तैयार किया. मेले के सफल संचालन के लिए 50 समितियों का गठन किया गया है.
देहरादून के ऐतिहासिक श्री झंडेजी का आरोहण 30 मार्च को होगा. श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने मेला आयोजन समिति के सदस्यों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए. इस साल होशियारपुर पंजाब निवासी हरभजन सिंह को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है.
बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि इस साल लाखों की संख्या में देश-विदेश से संगतों के पहुंचने की संभावना है. मेले के दौरान होने वाली प्रमुख गतिविधियों और उनके संचालन को लेकर आवश्यक तैयारियों को पूरा कर लिया गया है. मेला समिति के पदाधिकारियों को पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग करने और मेले में आने वाले श्रद्धालुओं-संगतों की सुरक्षा और सुविधा करने के निर्देश दिए गए.
कार्यक्रमों का शेड्यूल:झंडा जी मेला आयोजन समिति के व्यवस्थापक विजय प्रसाद डिमरी ने बताया कि श्री झंडा जी मेला आयोजन समिति की ओर से मेला आयोजन के कार्यक्रमों का शेड्यूल जारी कर दिया गया है. 18 मार्च 2024 सोमवार को श्री दरबार साहिब के प्रतिनिधि के रूप में सुबोध उनियाल पंजाब की पैदल संगत के लिए हुकमनामा लेकर रवाना हो चुके हैं. 20 मार्च को अराईयांवाला में श्री झंडे जी का आरोहण होगा. 21 मार्च को श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज सहसपुर में पैदल संगत का स्वागत सत्कार होगा. 22 मार्च को पैदल संगत का कांवली गांव में प्रवेश और आदर सत्कार होगा. 22 मार्च की शाम को श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज की अगुवाई में दर्शनी गेट पर पैदल संगतों का स्वागत किया जाएगा.
27 मार्च से गिलाफ सिलाई का कार्य शुरू होगा. 29 मार्च को परंपरा के अनुसार पूर्वी संगत की विदाई होगी. 30 मार्च को दून के ऐतिहासिक श्री झंडेजी का आरोहण होगा. 30 मार्च सुबह 8 से 9 बजे के बीच श्री झंडे जी को उतारने की प्रक्रिया शुरू होगी. सेवकों और संगतों द्वारा श्री झंडे जी को दूध, दही, घी, गंगाजल और पंचगव्य से स्नान करवाया जाएगा. सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक श्रीमंहत देवेंद्र दास जी महाराज द्वारा संगतों को दर्शन दिए जाएंगे और गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. शाम 3 से 4 बजे के बीच श्री झंडे जी का आरोहण किया जाएगा. 1 अप्रैल को एतिहासिक नगर परिक्रमा होगी.
झंडा जी की मान्यता:सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय जी का जन्म होली के पांचवें दिन हुआ था. वर्ष 1646 को पंजाब के होशियारपुर जिले के कीरतपुर में जन्म लेने वाले श्री गुरु राम राय जी को ही देहरादून का संस्थापक माना जाता है. उनके जन्मदिन के मौके पर हर साल झंडा जी मेले का आयोजन होता है.
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