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मकर संक्रांति: श्रद्धालुओं ने गंगा भागीरथी में लगाई आस्था की डुबकी, देव डोलियां ने भी किया गंगा स्नान - MAKAR SANKRANTI 2025

समूचे उत्तराखंडमें मकर संक्रांति का त्योहार धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. वहीं देव डोलियां भी गंगा स्नान के लिए पहुंची.

Uttarkashi Makar Sankranti
मकर संक्रांति पर देव डोलियों को कराया गया स्नान (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 14, 2025, 9:21 AM IST

उत्तरकाशी: मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के लिए देव डोलियों के साथ श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. कड़ाके की ठंड पर आस्था भारी पड़ी और हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा भागीरथी में डुबकी लगाकर पुण्य का लाभ लिया. दर्जनों देव डोलियों की मौजूदगी में ढोल-नगाड़ों की आवाज और मां गंगा के जयकारों से पूरी उत्तर की काशी नगरी गुंजायमान हो उठी. वहीं पूरे नगर क्षेत्र में दिन भर भक्तिमय माहौल बना रहा.

देव डोलियों को कराया गया स्नान: उत्तरकाशी के पौराणिक मणिकर्णिका घाट, जडभरत, केदार घाट, लक्षेश्वर, शंकर मठ, नाकुरी, देवीधार, गंगोरी अस्सी गंगा तट समेत आदि स्नान घाटों पर बुधवार तड़के चार बजे ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी. स्नान पर्व पर बाड़ाहाट क्षेत्र के आराध्य कंडार देवता, बाडागड्डी क्षेत्र के आराध्य हरिमहाराज, खंडद्धारी माता, कैलापीर, नाग देवता, घंडियाल देवता, बाल कंडार, नागणी देवी, रनाड़ी के कचडू देवता, डुंडा की रिंगाली देवी, सहित धनारी क्षेत्र नागराजा, त्रिपुरा माता, चंदणनाग, राजराजेश्वारी आदि दर्जनों देवी-देवताओं की डोलियां, ढोल, निशान आदि के साथ हजारों श्रद्धालु उत्तरकाशी पहुंचे और गंगा में आस्था की डुबकी लगाई.

घाटों पर की गई अलाव की व्यवस्था: इसके बाद सभी देवता एवं श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ, चमाला की चौंरी, हनुमान मंदिर, कंडार देवता के मंदिरों के दर्शन किए और अपने गंतव्य को रवाना हुए. वहीं मकर संक्रांति के इस पर्व पर जिला प्रशासन व जिला पंचायत की ओर से घाटों पर प्रकाश एवं सफाई व्यवस्था बनाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की जगह-जगह तैनाती की गई है . ठंड से बचने के लिए घाटों और चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की गई थी.
पढ़ें- ब्रह्म मुहूर्त में खुले द्वापर युग में यहां होते थे बदरी विशाल के दर्शन, ASI ने 16 मंदिरों की इस पौराणिक धरोहर को माना खास

उत्तरकाशी: मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के लिए देव डोलियों के साथ श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. कड़ाके की ठंड पर आस्था भारी पड़ी और हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा भागीरथी में डुबकी लगाकर पुण्य का लाभ लिया. दर्जनों देव डोलियों की मौजूदगी में ढोल-नगाड़ों की आवाज और मां गंगा के जयकारों से पूरी उत्तर की काशी नगरी गुंजायमान हो उठी. वहीं पूरे नगर क्षेत्र में दिन भर भक्तिमय माहौल बना रहा.

देव डोलियों को कराया गया स्नान: उत्तरकाशी के पौराणिक मणिकर्णिका घाट, जडभरत, केदार घाट, लक्षेश्वर, शंकर मठ, नाकुरी, देवीधार, गंगोरी अस्सी गंगा तट समेत आदि स्नान घाटों पर बुधवार तड़के चार बजे ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी. स्नान पर्व पर बाड़ाहाट क्षेत्र के आराध्य कंडार देवता, बाडागड्डी क्षेत्र के आराध्य हरिमहाराज, खंडद्धारी माता, कैलापीर, नाग देवता, घंडियाल देवता, बाल कंडार, नागणी देवी, रनाड़ी के कचडू देवता, डुंडा की रिंगाली देवी, सहित धनारी क्षेत्र नागराजा, त्रिपुरा माता, चंदणनाग, राजराजेश्वारी आदि दर्जनों देवी-देवताओं की डोलियां, ढोल, निशान आदि के साथ हजारों श्रद्धालु उत्तरकाशी पहुंचे और गंगा में आस्था की डुबकी लगाई.

घाटों पर की गई अलाव की व्यवस्था: इसके बाद सभी देवता एवं श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ, चमाला की चौंरी, हनुमान मंदिर, कंडार देवता के मंदिरों के दर्शन किए और अपने गंतव्य को रवाना हुए. वहीं मकर संक्रांति के इस पर्व पर जिला प्रशासन व जिला पंचायत की ओर से घाटों पर प्रकाश एवं सफाई व्यवस्था बनाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की जगह-जगह तैनाती की गई है . ठंड से बचने के लिए घाटों और चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की गई थी.
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