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कोटा के आर्यन सिंह ने किसानों के लिए इजाद किया AI बेस्ड एग्रोबोट, आज राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

Rashtriya Bal Puraskar 2024, कोटा के आर्यन सिंह को राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से नवाजा जाएगा. उन्हें ये पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को (22 जनवरी) भेंट करेंगी. वहीं, 23 जनवरी को आर्यन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. आर्यन को यह पुरस्कार किसानों के लिए मददगार एआई बेस्ड एग्रोबोट बनाने के लिए दिया जा रहा है. जिसे उन्होंने 10वीं में पढ़ने के दौरान तैयार किया था.

Rashtriya Bal Puraskar 2024
Rashtriya Bal Puraskar 2024

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 21, 2024, 8:39 PM IST

Updated : Jan 22, 2024, 7:55 PM IST

यंग साइंटिस्ट आर्यन सिंह

कोटा. शहर के डीसीएम इंदिरा गांधी नगर निवासी 17 वर्षीय आर्यन सिंह को राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से नवाजा जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें आज अवार्ड भेंट करेंगी. इसके बाद कल यानी 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आर्यन से मुलाकात करेंगे. आर्यन यह पुरस्कार उनके नायाब इन्वेंशन के लिए दिया जा रहा है. उन्होंने किसानों के लिए मददगार एआई बेस्ड एग्रोबोट बनाया है. आर्यन ने इसे कक्षा 10वीं में पढ़ने के दौरान तैयार किया था. फिलहाल तक उन्हें 15 से अधिक अवार्ड मिल चुके हैं.

दरअसल, 10वीं में पढ़ने के दौरान साल 2020 में आर्यन को तीन अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले थे. इसको लेकर आर्यन ने बताया कि रूस से उन्हें एग्रीकल्चर इनोवेशन में डिप्लोमा दिया गया. साथ ही कनाडा में गोल्ड मेडल, मलेशिया में सिल्वर मिला था. ऐसे में अब उनका टारगेट हर किसान तक पहुंचाने का है. इसलिए वो अब आई स्टार्ट के जरिए इनक्यूबेशन ले रहे हैं, ताकि अपने स्टार्टअप आइडिया को बाजार तक पहुंचा सकें. उन्होंने बताया कि AI बेस्ड एग्रोबोट को तैयार करने में करीब 50 हजार की लागत आई, जबकि इसके लिए किसानों को लाखों रुपए की मशीन खरीदनी पड़ती है.

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साइंस एंड इनोवेशन के लिए राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार :आर्यन सिंह ने बताया, ''मैं खुद का एक स्टार्टअप क्रिएट करना चाहता हूं. इसके लिए एक एग्री टेक कंपनी बनना चाहता हूं, ताकि अफॉर्डेबल कॉस्ट पर लोगों को फार्मिंग टेक्नोलॉजी मुहैया करा सकूं.'' आर्यन आगे बताया, ''मैंने मेरा साथी ऐप बनाया था, जिसके बाद गवर्नमेंट आफ इंडिया ने mygov.in का मुझे ब्रांड एंबेसडर बना दिया था. पूरे भारत में से साइंस एंड टेक्नोलॉजी में केवल मुझे ही राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार मिला है. यह पुरस्कार 19 लोगों को दिए जा रहे हैं, लेकिन मुझ अकेले को साइंस एंड टेक्नोलॉजी के फील्ड में यह पुरस्कार मिल रहा है.

क्रॉप कटिंग में मददगार है रोबोट :आर्यन सिंह ने दावा किया कि रोबोट किसानों के लिए काफी मददगार है. यह उबड़ खाबड़ जमीन पर भी चल सकता है. गड्ढे से लेकर समतल जगहों तक ये काम करता है. साथ ही बीज बोने से लेकर फसल की कटिंग तक में मददगार है. इसकी मदद से हम फसलों के पौधों की गणना व उनकी स्थिति के बारे में भी जान सकते हैं. साथ ही यह भी पता कर सकते हैं कि कितने पौधे खराब हुए हैं और शेष किस स्थिति में हैं. इतना ही नहीं पूरी जानकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस पर उपलब्ध कराता है. खराब व बेकार पौधों को अलग तरह के रंग देने के लिए उस पर तुरंत स्प्रे कर दिया जाता है, ताकि जब खेत में जाए तो उन पौधों को तुरंत उखाड़ कर अलग किया जा सके.

अपग्रेड कर लगाया सिक्योरिटी सिस्टम :आर्यन सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने एग्रोबोट को अपग्रेड किया है. साथ ही उसमें एक सिक्योरिटी सिस्टम भी लगाया है और इसकी लागत महज 800 रुपए आई. इसकी सबसे खास बात यह है कि ये कार्य क्षेत्र में होनी वाली सभी गतिविधियों पर अलर्ट जारी करता है, जिसमें कीट पतंगे, टिड्डी दल या फिर किसी जानवर के प्रवेश की जानकारी देता है. इसके भी अपग्रेड वर्जन में कैमरे की कास्टिंग जुड़ जाती है. इससे यह पता चलता है कि कार्य क्षेत्र में कोई व्यक्ति प्रवेश किया है या फिर जानवर. इसके अपग्रेडेशन में करीब 1500 से 2000 की कास्टिंग आती है.

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स्कूल और एटीएल ने की मदद :आर्यन सिंह एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं. उनके पिता जितेंद्र सिंह ईमित्र व जेरॉक्स की दुकान चलाते हैं तो मां मनसा देवी गृहिणी हैं. वहीं, बहन राशि स्कूलिंग कर रही है. आर्यन सिंह ने अपनी इस उपलब्धि का क्रेडिट एसआर पब्लिक स्कूल को दिया. उनका कहना है कि नीति आयोग के जरिए यहां अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की गई थी. वहीं, स्कूल के अध्यापक ओमप्रकाश सोनी ने मेंटर के तौर पर उनका नेतृत्व किया, जिसके बाद ही उन्होंने किसानों के लिए मददगार छोटा रोबोट तैयार किया था. इसके लिए शुरुआती राशि भी स्कूल से ही मुहैया कराई गई.

ये है आर्यन का लक्ष्य :आर्यन सिंह ने अपनी स्कूलिंग 2023 में पूरी की और अब वो बीटेक के लिए बूंदी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिए हैं. वे कंप्यूटर साइंस से बीटेक कर रहे हैं, लेकिन अभी भी अपनी क्लासेज के बाद व छुट्टियों में अटल टिंकरिंग लैब में काम करते हैं. उनके जो स्कूल के टीचर रहे थे, उन्हीं के नेतृत्व में वो अपने एग्रोबोट को लगातार अपडेशन करते हैं. एग्रोबोट को बनाने के बाद उन्हें इसके जरिए 5 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय इसके अलावा स्टेट व डिस्ट्रिक्ट स्तर पर करीब 10 अवार्ड मिल चुके हैं, जिसमें यंग साइंटिस्ट ऑफ इंडिया अवार्ड 2020, रशियन यंग इनोवेटर अवार्ड 2021 व रशियन यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा, कनाडा (टोरंटो) यंग इनोवेटर अवार्ड (सिल्वर मेडल)2021, एटीएल टिंकरप्रेन्योर (शीर्ष 100 छात्र में शामिल) और एटीएल टिंकरप्रेन्योर मोस्ट कंसिस्टेंट स्टूडेंट्स में चुने गए.

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मंत्री तोमर ने किया था ये वादा :साल 2023 में कोटा में आयोजित एग्रोफिस्ट में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आए थे. वो आर्यन सिंह के इस प्रोजेक्ट को देखकर काफी खुश हुए थे. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और नरेंद्र सिंह तोमर ने उनकी तारीफ की थी. साथ ही तोमर ने यह भी कहा था कि जब उनका प्रोडक्ट लॉन्च होगा तो वो पहला मॉडल आने के बाद उन्हें ऑर्डर देंगे.

Last Updated : Jan 22, 2024, 7:55 PM IST

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