नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और चुनाव लड़ा. लेकिन जीत कहीं भी नहीं मिली. पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेता अपनी इस हार से दुखी नहीं हैं. लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी की जीत से दुखी जरूर हैं. यदि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया होता तो शायद इस निराशा से बच जाते और कुछ सीटें जीत सकते थे. पार्टी नेताओं का कहना है कि हरियाणा चुनाव में यदि कांग्रेस के साथ गठबंधन होता तो क्या भाजपा को वह टक्कर दे पाते, इसकी जल्द समीक्षा की जाएगी.
हरियाणा में AAP ने पिछले विधानसभा चुनाव में 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन एक भी सीट पर जीत नहीं हुई थी. इस बार 90 में से 90 सीट पर चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार भी चुनाव नहीं जीत सकी. जबकि, जेल से रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी दिया. केजरीवाल ने खुद को हरियाणा का बेटा और लाल भी बताया. तमाम तरीके से विक्टिम कार्ड भी खेला, लेकिन हरियाणा की जनता ने केजरीवाल पर भरोसा नहीं जताया. हरियाणा की जनता ने इस विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा पर भरोसा जताया.
कांग्रेस से गठबंधन होता तो निकल जाती कुछ सीटें:हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात चल रही थी. 12 सितंबर को नामांकन होने थे. इसके एक दिन पहले तक भी बैठकें हुई और बात चली, लेकिन सीट बंटवारे व अन्य कारणों से हरियाणा में आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं हो सका. यदि गठबंधन हो जाता तो शायद कुछ सीटें आम आदमी पार्टी के हिस्से में आ जाती. क्योंकि भाजपा के बाद कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी है. गठबंधन न होने से कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का वोट काटा.
गठबंधन न होने पर आप के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि हम लोग हरियाणा में वोट परसेंटेज का आकलन करेंगे, जिसमें यह देखेंगे कि किस सीट पर कांग्रेस को कितना प्रतिशत वोट मिला और आप को कितना प्रतिशत वोट मिला. दोनों का वोट प्रतिशत मिलकर भाजपा को मात दी जा सकती थी या नहीं.
हार पर नहीं है दुखःआम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल समेत अन्य नेताओं को पार्टी के हरियाणा चुनाव में हार का दुख नहीं है. बीते रविवार को जनता की अदालत में केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा और जम्मू कश्मीर से डबल इंजन की सरकार यानी भाजपा की सरकार जा रही है. महाराष्ट्र और झारखंड में भी भाजपा को हार मिलेगी. केजरीवाल पहले कहते थे कि बिना आम आदमी पार्टी के सहयोग से हरियाणा में सरकार नहीं बन पाएगी. सोमवार को पार्टी कार्यालय में इस सवाल पर केजरीवाल ने गोलमोल जवाब दिया कि भाजपा और नरेंद्र मोदी विपक्षी नेताओं को जेल में डालकर उनकी राजनीति को खत्म करना चाहते हैं.
क्या राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बचाने के लिए चुनाव लड़ती है AAP:2013 में अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल चुका है. भाजपा और कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी तीसरी ऐसी पार्टी है, जिसकी एक से अधिक राज्यों में सरकार है. अभी राजधानी दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है. राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते आम आदमी पार्टी को अन्य राज्यों में चुनाव लड़ना भी जरूरी है. AAP नेताओं का कहना है कि हरियाणा में अभी आम आदमी पार्टी की शुरुआत है. आने वाले समय में हरियाणा में भी आप की सरकार बनेगी.
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने हरियाणा की जीत को पीएम के नेतृत्व की जीत बताया:भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि हरियाणा की जनता ने भाजपा को अपना आशीर्वाद दिया है. हरियाणा में विकास की जीत हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की जीत है. निश्चित रूप से भारत में अभी इस तरीके के और कीर्तिमान बनेंगे. अरविंद केजरीवाल कहते थे कि बिना उनके सहयोग से हरियाणा में किसी की सरकार नहीं बनेगी, इस पर वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल जमानत पर रिहा हुए एक अपराधी हैं. दिल्ली में दिल्ली के बेटे बनते हैं और हरियाणा में हरियाणा के लाल बनते हैं. लोगों ने केजरीवाल का दोहरा चरित्र देख लिया है अब दिल्ली में उनकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है.
जम्मू कश्मीर में एक विधायक के जीतने पर आप में खुशी:जम्मू कश्मीर के डोडा से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेहराज मलिक द्वारा बीजेपी को हराकर जीत हासिल करने पर आप नेताओं में खुशी है. अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक्स पर पोस्ट डालकर खुशी जाहिर की है. उन्होंने लिखा है कि "पांचवें राज्य में एमएलए बनने पर पूरी आम आदमी पार्टी को बधाई."
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