उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

रेलवे की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में अब होगा AI का इस्तेमाल, यात्रियों को नहीं मिलेंगे गंदे चादर और कंबल

AI technology:ट्रेनों में अब सिर्फ साफ बेडरोल की सप्लाई की जाएगी.ऑर्टिफिशयल इंटेलीजेंस की सहायता से इसकी सफाई की जायेगी.

ETV Bharat
रेलवे में अब नहीं मिलेंगे गंदे चादर और कंबल (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 5 hours ago

लखनऊ: रेलवे प्रशासन ट्रेनों में गंदी चादरें और कंबल मिलने की शिकायतों से परेशान हो गया है. अब इस पर नकेल कसने के लिए ऑर्टिफिशयल इंटेलीजेंस (एआई) की सहायता लेगा. इसकी मदद से साफ बेडरोल की छंटाई होगी. एआई खुद गंदी चादरों को छांट देगा और ट्रेनों में सिर्फ साफ बेडरोल की सप्लाई की जाएगी.

सॉफ्टवेयर दाग और नुकसान की करता है पहचान:रेलवे के विभिन्न जोन की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में ऑर्टिफिशयल इंटेलीजेंस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत मध्य रेलवे के पुणे मंडल की मैकेनाइज्ड लांड्री में इसकी शुरूआत की जा चुकी है. मशीनीकृत लॉन्ड्री में चादरों को कन्वेयर सिस्टम पर डाला जाता है. फिर उन्हें डिटेक्शन क्षेत्र से गुजारा जाता है. हाई क्वॉलिटी वाले कैमरे विस्तृत तस्वीर लेते हैं और 100 प्रतिशत सटीकता के साथ सॉफ्टवेयर दाग और नुकसान की पहचान करता है. इसमें डाटा संग्रह की सहायता ली जाती है. यह सिस्टम हर चादर पर दाग और क्षति का प्रतिशत रिकॉर्ड करता है. जिससे यह सुनिश्चित होता है, कि यात्रियों को साफ चादर मिलें. अब इसको हर लॉन्ड्री में इस्तेमाल किए जाने की तैयारी है.

इसे भी पढ़ें-कोहरे का कहर; उत्तर रेलवे ने कैंसल कीं 85 ट्रेनें, मेरठ जाने वाली 3 ट्रेनें भी 28 फरवरी तक निरस्त

लाखों चादरों की धुलाई प्रतिदिन:पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया, कि रेलवे में हर रोज लाखों चादरों की धुलाई होती है. पूर्वोत्तर रेलवे में रोजाना 48 हजार लिनेन पैकेट तैयार किया जाता है. करीब एक लाख चादरों की धुलाई की जाती है. लॉन्ड्री में 15 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. जिससे इनकी सफाई की व्यवस्था की निगरानी की जा सके. इसके अलावा ट्रेनों में बेडरोल की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है.

सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया, कि यात्रियों की संतुष्टि के लिए लिनेन पैकेट पर क्यूआर कोड दिया गया है. इसे स्कैन कर देखने पर रेलवे की तरफ से की जा रही लिनेन की धुलाई की पूरी प्रक्रिया दिखती है. बेडशीट की सफेदी जांचने के लिये मीटर लगाया गया है. कंबल की धुलाई की क्षमता बढ़ाई गई है. गाड़ियों में यात्रियों से फीड बैक लिया जाता है. हर एसी कोच में बेडरोल के वितरण के लिये एक अटेंडेंट तैनात किया गया है.

यह भी पढ़ें-यूपी में कोहरे का असर; फरवरी तक 2 ट्रेनें निरस्त, लखनऊ-आगरा इंटरसिटी शनिवार-रविवार नहीं चलेगी

ABOUT THE AUTHOR

...view details