फिरोजाबाद: चूड़ियों के लिए मशहूर शहर फिरोजाबाद धर्मिक तीर्थ के लिये भी देश और दुनिया में मशहूर है. यहां भगवान बाहुबली की दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा है. यहां 12 साल बाद भगवान बाहुबली का महामस्तिकाभिषेक होने जा रहा है. इस कार्यक्रम में देश भर से जैन श्रद्धालुओं शामिल होने जा रहे हैं. सोमवार को इस आयोजन से पहले विशाल शोभायात्रा भी निकाली गयी, जिसमें बड़ी संख्या में जैन धर्मालम्बी मौजूद रहे. शोभायात्रा में मुस्लिम समाज ने पुष्पवर्षा कर साम्प्रदायिक सौहार्द की मिशाल भी पेश की. खास बात यह भी रही कि शोभायात्रा में जिस रथ पर भगवान जिनेन्द्र देव विराजमान थे, वह शुद्ध चांदी का बना है और उसकी कीमत लगभग 25 करोड़ रुपये बताई गई है.
बता दें कि कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत 25 नवंबर से घट यात्रा के साथ शुरू हो चुकी है. ये आयोजन 13 दिनों तक चलेगा. सात दिसंबर को 1008 कलशों से जैन मंदिर स्थित भगवान बाहुबली की विशालकाय प्रतिमा का महमस्तिकाभिषेक किया जायेगा. इस धार्मिक आयोजन में देश भर के जैन श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में भाग लेने की संभावना है. आयोजनकर्ताओं के मुताबिक फिरोजाबाद में महमस्तिकाभिषेक का ये चौथा कार्यक्रम है. इससे पहले साल 1985, 2005 और 2012 में ऐसे भव्य आयोजन किए जा चुके हैं.
जैन मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महावीर जैन ने बताया कि, भगवान बाहुबली की जिस प्रतिमा का महामस्तिकाभिषेक होगा वह विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जैन प्रतिमा है. जिसकी ऊंचाई 42 फीट है. इससे बड़ी प्रतिमा कर्नाटक के श्रावण बेलगोला गोमटेश्वर में है, जिसकी ऊंचाई 57 फीट है. महामस्तिकाभिषेक से पहले भगवान जिनेन्द्र देव की भव्य रथ शोभायात्रा निकाली गयी. महावीर जैन ने बताया कि, जिस डोले पर भगवान का श्री विग्रह विराजमान था वह रथ चांदी का बना था. जिसकी कीमत 25 करोड़ रूपये है. शोभायात्रा में कई मनमोहक झांकियां थीं.
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