प्रयागराज: जिले के त्रिवेणी की रेती पर आस्था की आध्यात्मिक नगरी बसने लगी है. हर हर महादेव के बाद अब गुरुओं की वाणी भी उतरने लगी है. अखाड़ा क्षेत्र में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल अखाड़ा का भूमि पूजन विधि विधान से संपन्न होने के बाद अब यहां पंच प्यारे के आगमन का भी रास्ता खुल गया है.
महाकुंभ के अखाड़े क्षेत्र में आस्था और अध्यात्म के विविध रंगों का मेल हो रहा है.
भगवान शिव के साधक और संतों की अखाड़ा क्षेत्र में मौजूदगी के बाद अब गुरुनानक समेत सिक्खों के दसों गुरुओं की वाणी भी त्रिवेणी की भक्ति की धारा में प्रवाहित होने लगी है. श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के साधु संतो ने पूरे विधि विधान से अपने अखाड़े का भूमि पूजन संपन्न किया. अखाड़े के सचिव आचार्य देवेंद्र शास्त्री का कहना है, कि सभी प्रमुख अखाड़ों के पदाधिकारियों की मौजूदगी में निर्मल अखाड़े का भूमि पूजन पूरा होने के बाद अब अखाड़े का शिविर निर्माण शुरू हो जायेगा.
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भूमि पूजन में उपस्थित कई अखाड़ों के संत महंत और आचार्यों ने प्रयागराज में दिव्य, भव्य और स्वच्छ महाकुंभ के आयोजन की तैयारियों पर सीएम योगी आदित्यनाथ की पीठ थपथपाई. श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के आचार्य महामंडलेश्वर और सांसद साक्षी महराज ने कि अखाड़ा क्षेत्र में पिछले कुंभ से अधिक व्यवस्था और उत्साह दिख रहा है. सभी संत मिलकर इस आयोजन को भव्य स्वरूप देने के लिए योगी जी के संकल्प के साथ हैं.
साक्षी महराज का यह भी कहना है, कि इस महाकुंभ में एक महत्वपूर्ण नवीनता यह भी है कि महाकुंभ में सनातन धर्म की की एकता के लिए "कटेंगे तो बटेंगे " सभी संतो का मूलमंत्र बन गया है. जो हर अखाड़े के धार्मिक आयोजनों में प्रतिध्वनित हो रहा है. श्री निर्वाणी अणि अखाड़े के धर्माचार्य धर्मदास जी का कहना है, कि कलियुग में संघ शक्ति ही मूल कथन है. इसलिए अब सभी सनातनियों को इसे समझना होगा.