बक्सर: बिहार के बक्सर में उत्पाद अधीक्षक के खिलाफ गिरफ्तार करने का आदेश एसपी ने जारी किया है. भगोड़े उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. औद्योगिक थाना में दर्ज मामले के अनुसार वर्तमान उत्पदा अधीक्षक लंबे समय से शराब कारोबारियों के साथ सांठगांठ कर यूपी की सीमा से बिहार के बक्सर के रास्ते अलग-अलग जिले में मोटी रकम लेकर शराब की सप्लाई कराता था.
शराब कारोबारियों के संपर्क में उत्पाद अधीक्षक: 21 जून 2024 को औधोगिक थाने की पुलिस ने वीरकुंवर सिंह सेतु से यूपी के रास्ते बक्सर की सीमा में प्रवेश करने के बाद, एनएच 922 पर शराब लदे तीन वाहनों को पकड़ा था. सबसे पहले शराब से भरी एक स्कॉर्पियो पर पुलिस की नजर पड़ी, जिसके चालक से पूछताछ के आधार पर शराब लदी एक इंडिका कार और एक होंडा सिटी कार को भी पुलिस ने जब्त कर लिया.
2016 से शुरू हुआ काला धंधा: बता दें कि इस दौरान डुमरांव अनुमंडल के अमसारी गांव में हुए जहरीली शराब कांड के दो मुख्य आरोपी मुन्ना सिंह के साथ उसके एक और शागिर्द की संलिप्तता इस शराब की खेप को लाने में सामने आई. जिसके बाद पुलिस उसे गिरफ्तार कर 23 जून 2024 को थाने ले आई. पुलिस पूछताछ में शराब तस्कर मुन्ना सिंह ने बताया कि वर्तमान उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक, 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से ही बक्सर यूपी के अलग-अलग बॉर्डर से शराब लदे वाहन को बक्सर लाने में सहयोग करते थे. जिसके एवज में एक मोटी रकम उनको देनी होती थी. उस समय उत्पदा विभाग में ही वह दारोगा के पोस्ट पर थे.
"बक्सर के वर्तमान उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक 2016 से ही यूपी के अलग-अलग बॉर्डर से शराब लदे वाहन को बक्सर लाने में मदद करते थे. जिसके बदले वो मोटी रकम भी लेते थे."-मुन्ना सिंह, शराब तस्कर
पटना के बड़े शराब तस्कर के मोबाइल ने खोला राज: शराब तस्कर के बयान पर जांच के क्रम में पुलिस ने पटना के रहने वाले एक बड़े शराब तस्कर मनीष उर्फ मरांडी को बक्सर से ही गिरफ्तार किया. जिसके मोबाइल से उत्पाद चेकपोस्ट पर तैनात उत्पाद विभाग के सिपाही शेषनाथ यादव को शराब लदे तीनों वाहन की तस्वीर और नंबर शेयर किया गया था. जिसे उत्पाद विभाग की चेकपोस्ट ने बिना जांच किए छोड़ दिया और बक्सर पुलिस ने जब्त कर लिया.