देहरादून: उत्तराखंड में प्रस्तावित नेशनल गेम्स को लेकर उत्तराखंड खेल संघों पर परफॉर्मेंस को लेकर दबाव नजर आ रहा है. अपने घर में जीत का परचम लहराने के लिए आर्चरी संगठन ने तैयारी शुरू कर दी है. इसी बीच तीरंदाजी संगठन का कहना है कि इस बार होम ग्राउंड पर होने वाले खेल को लेकर वह बेहद गंभीर हैं, इसलिए वह जल्द ही ट्रायल शुरू करने जा रहे हैं.
उत्तराखंड में रजिस्टर्ड तकरीबन 800 आर्चरी खिलाड़ी:उत्तराखंड आर्चरी एसोसिएशन में प्रदेश के तकरीबन 700 से 800 खिलाड़ी रजिस्टर्ड हैं, लेकिन अगर सक्रिय तीरंदाज खिलाड़ियों की बात की जाए तो वह तकरीबन 450 के करीब हैं, जो कि उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों से आते हैं. उत्तराखंड में तीरंदाज खिलाड़ियों या फिर आर्चरी एसोसिएशन की बात की जाए तो वर्ष 2018 में पहला आर्चरी टूर्नामेंट कराने के बाद संगठन ने रफ्तार पकड़ी और बीते साल 2023 में उत्तराखंड आर्चरी एसोसिएशन ने उत्तराखंड में भारत की पहली विश्वस्तरीय इंडोर आर्चरी लीग का भी सफल आयोजन किया, जिसे खूब सराहा गया. इन 6 सालों में उत्तराखंड आर्चरी एसोसिएशन ने कई उपलब्धियां भी हासिल की हैं.
उत्तराखंड आर्चरी एसोसिएशन जल्द शुरू करेगा ट्रायल: उत्तराखंड आर्चरी संगठन के सचिव आशीष तोमर ने बताया कि नेशनल गेम्स को होस्ट करने वाले राज्य के सभी खेल संघ पर परफॉर्मेंस का दबाव होता है, क्योंकि उन्हें अपने राज्य में अपने होम ग्राउंड पर बेहतर प्रदर्शन करना होता है. ऐसे में खेल संघ का प्रयास होना चाहिए कि वह इस दबाव को खिलाड़ियों पर न जाने दें, ताकि उनके खिलाड़ी एक बेहतर तैयारी और सुविधाओं के साथ बिना किसी तनाव के नेशनल गेम्स में उतरें. उन्होंने बताया कि इसी को देखते हुए वह अगले सप्ताह से तीरंदाजी से जुड़े खिलाड़ियों का ट्रायल शुरू कर रहे हैं.