श्रीनगर:अंकिता भंडारी मर्डर केस के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के केस ट्रांसफर प्रार्थना पत्र खारिज हो गया है. सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत ने केस ट्रांसफर के लिए पुलकित आर्य की ओर से रखे गए सारे आधार को निराधार बताया है. साथ ही आरोपी के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. अदालत का कहना था कि मामले की सुनवाई एडीजे कोटद्वार की अदालत में कानून और न्याय प्रणाली के अनुरूप चल रही है. ऐसे में केस ट्रांसफर का सवाल नहीं बनता.
पुलकित आर्य ने निष्पक्ष न्याय न होने की कही थी बात: दरअसल, आरोपी पुलकित आर्य ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोटद्वार की अदालत में निष्पक्ष न्याय की उम्मीद नहीं होने की बात कही थी. जिसे लेकर पुलकित ने जिला कारागार चमोली के माध्यम से केस ट्रांसफर के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोटद्वार की अदालत ने मामला सुनवाई के लिए सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत को भेज दिया था. जिसके बाद मामले की पहली सुनवाई 16 फरवरी को हुई. जिसके बाद 26 फरवरी को दूसरी सुनवाई हुई. जिसमें पुलकित आर्य ने खुद अदालत में अपना पक्ष रखा था.
पुलकित आर्य ने लगाए ये आरोप: पुलकित आर्य का कहना था कि अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोटद्वार में उसे निष्पक्ष न्याय नहीं मिलने की उम्मीद नहीं है. बीते 20 अप्रैल 2022 को अदालत में खुशराज ने खुद को अभिनव कश्यप का भाई बताते हुए गवाही दी थी. पुलकित का आरोप था कि एक महिला को पुरुष के भेष में खुशराज बताकर पुलिस ने असली पहचान छुपा कर गवाही कराई. इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता को अदालत में बोलने तक का मौका नहीं दिया गया. आर्य ने अंकिता के पिता पर न्यायालय परिसर में गवाही के लिए आते-जाते समय अभद्र टिप्पणी किए जाने का आरोप लगाया.
पुलकित आर्य का कहना था कि अदालत में धारा 302 से संबंधित कई मुकदमे लंबित हैं, लेकिन उनके केस में जल्दी-जल्दी तारीख लगा दी जा रही है. अदालत में पुलकित ने पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में जानलेवा हमला किए जाने, रिजॉर्ट तोड़े जाने, मुकदमे से अधिवक्ता हटाए जाने और फैक्ट्री में आग लगाए जाने की बात भी कही. पुलकित का ये भी कहना था कि उसका सब कुछ बर्बाद कर दिया गया है. मृतका का कमरा तोड़कर साक्ष्यों को नष्ट करने का काम किया गया, लेकिन कानूनी दृष्टि से शासन-प्रशासन की इस कार्रवाई में किसी को आरोपी नहीं बनाया गया. यह उसके खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई है.