श्रीनगर: पौड़ी गढ़वाल जिले के थलीसैंण ब्लॉक में गंगाऊ, कोटा, भीड़ा समेत कई गांवों में पशु पालकों पर आफत आई हुई है. इन इलाकों में गौवंश के पशु बीमार होकर अचानक दम तोड़ रहे हैं. इससे पशु चिकित्सा विभाग भी सकते में है. पशु चिकित्सक अभी तक पशुओं को हुई इस बीमारी को नहीं पकड़ सके हैं.
पौड़ी गढ़वाल में पशुओं में फैली बीमारी: पशु पालकों के अनुसार रात में मवेशियों के पेट में दिक्कत होती है. इसके बाद उनके नाक से खून आने लगता है. थोड़ी देर तड़पने के बाद मवेशी दम तोड़ दे रहे हैं. पशु पालकों ने अपनी ये समस्या पशु पालन विभाग को बताई. पशु चिकित्सक इस बीमारी को नहीं पकड़ पाए हैं. हालांकि विभाग के लोग आशंका जता रहे हैं कि बीमार पशुओं को ग्रास पॉइजनिंग हो सकती है. रोग ग्रस्त पशुओं के सैंपल लिए गए हैं. सैंपल को जांच के लिए बरेली की लैब भेजा गया है.
पौड़ी में गौवंश अनजान बीमारी से पीड़ित हैं (VIDEO- ETV Bharat) मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी विशाल शर्मा ने इन गांवों का दौरा किया है. उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया ये लग रहा है कि मवेशियों ने चुगान के वक्त कुछ जहरीली घास खाई हो, जिस कारण उनकी तबीयत बिगड़ रही है. एहतियात के तौर पर पशु चिकित्सा विभाग की टीम को दवाओं के साथ क्षेत्र में भेजा गया है. वहीं इस रोग की रोकथाम के लिए ग्रामीणों से अपील की गई है कि जिन बर्तन में मवेशी एक साथ पानी या चुगान करते हैं, उन्हें साफ किया जाए. जिन कमरों में मवेशी हैं, वहां चूने का छिड़काव किया जाए.
अचानक बीमार पड़के दम तोड़ रहे मवेशी: दरअसल पौड़ी गढ़वाल जिले में थलीसैंण ब्लॉक के गंगाऊ गांव में बीते कुछ दिनों से मवेशी अचानक बीमार पड़ रहे हैं. मवेशियों के नाक से खून बहने के साथ ही उनके पेट फूल रहे हैं. ग्राम प्रधान गंगाऊ रेखा देवी ने बताया कि ग्रामीणों के मवेशी कुछ दिनों से बीमार हो रहे हैं. इसको लेकर प्रत्येक परिवार परेशान है. उन्होंने बताया कि मवेशियों के बीमारी की चपेट में आने को लेकर पशुपालन विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी गई. विभाग की टीम ने गांव में आकर प्रत्येक परिवार के मवेशियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर लिया है. बीमार मवेशियों को दवा दे दी गई है.
मृत पशुओं के सैंपल जांच के लिए बरेली भेजे: सीवीओ (Chief Veterinary Officer) डॉ विशाल शर्मा ने बताया कि थलीसैण की पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने दो मृत मवेशियों के सीरम और गोबर के सैंपल जांच के लिए मंडलीय रोग निदान प्रयोगशाला पौड़ी भेजे हैं. यहां से सैंपल बरेली लैब फेजे गए हैं. टीम को बीमारी के लक्षण वाले मवेशियों के खून के सैंपल भी भेजने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं.
1 महीने के अंदर 8-10 पशुओं की हो चुकी मौत:डॉ विशाल शर्मा ने कहा कि 1 महीने के अंदर 8 से 10 पशुओं की मौत का पता चला है. हालांकि सब में बीमारी के एक जैसे लक्षण नहीं बताए गए हैं. अभी तक 96 पशुओं के चेकअप किया गया है. फिलहाल 18 पशु अभी बीमार हैं. पिछले 4-5 दिन के अंदर 2 पशुओं की मौत हुई है. पशु पालकों ने डॉ विशाल शर्मा को बताया कि दिन में उनके पशु ठीक थे. रात में अचानक उनकी तबीयत खराब हुई और नाक से खून आने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया.
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