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दुर्गा पूजा के मौके पर भी नहीं मिला वेतन, आंगनबाड़ी सेविका और सहियाओं ने किया प्रदर्शन - Anganwadi Workers Protest - ANGANWADI WORKERS PROTEST

Anganwadi Workers Protest. देवघर जिले के सारठ प्रखंड में पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिलने पर आंगनबाड़ी के सेविका और सहियाओं ने प्रदर्शन किया.

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वेतन नहीं मिलने पर आंगनबाड़ी वार्कर्स का प्रदर्शन (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 6, 2024, 12:58 PM IST

देवघर:देवघर जिले के सारठ प्रखंड की आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहियाओं ने अपने वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार से मिलने वाला वेतन उन्हें किसी भी वर्ष पूरा नहीं मिल पाता है.

जानकारी देते हुए संवादाता हितेश कुमार चौधरी (ईटीवी भारत)

सारठ प्रखंड में कुल 225 आगनबाड़ी केंद्र हैं. जिसमें करीब 500 सेविका और सहिया काम कर रही हैं. सारठ प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र में काम कर रही सेविका महजबी आरा बताती हैं कि किसी भी वर्ष उन्हें पूरा वेतन नहीं मिला. किसी साल 8 महीने तो किसी साल 9 महीने का वेतन देकर यह कह दिया जाता है कि पूरे साल का वेतन मिल गया है. उन्होंने आगे कहा कि मोबाइल रिचार्ज, इंसेंटिव पोषण ट्राई से लेकर मूलभूत खर्च तक मुहैया नहीं कराए जाते हैं.


वहीं, सारठ प्रखंड में काम कर रही सेविका सुमित्रा बासुकी बताती हैं कि कई बार जिला प्रशासन और बाल विकास विभाग में शिकायत करने के बावजूद भी उनकी समस्याओं का निदान नहीं हुआ है. इसीलिए आज सारठ प्रखंड की सभी सेविका और सहियाओं ने पूर्व विधायक और यहां के स्थानीय नेता उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह को ज्ञापन सौंपा. इसके साथ ही आग्रह किया कि उनकी समस्या बाल विकास विभाग तक पहुंचाई जाए, ताकि उनका बकाया पैसा पूजा से पहले भुगतान हो सके.

आंगनबाड़ी सेविकाओं की समस्या को सुनने के बाद पूर्व विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह ने कहा कि सेविकाओं और सहियाओं की यह समस्या जायज है. उन्होंने अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि जल्द से जल्द आंगनबाड़ी सेविकाओं का भुगतान किया जाए. क्योंकि यह समस्या सिर्फ सारठ प्रखंड के सेविका और सहियाओं के साथ हो रही है. इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि इसमें कहीं न कहीं स्थानीय पदाधिकारी और अधिकारियों की लापरवाही है. अगर ऊपर से गड़बड़ी होती तो राज्य के सभी प्रखंडों के सेविकाओं का वेतन अनियमित होता. लेकिन सिर्फ सारठ प्रखंड के सेविका और सहायिकाओें को यह समस्या हो रही है. इसका मतलब है कि स्थानीय अधिकारी गंभीर नहीं है.

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