सलमा हत्याकांड के आरोपी मधुर साहू को HC से जमानत, 13 में से केवल 1 एसटीआर डीएनए से मैच हुआ - anchor salma sultan murder case
न्यूज एंकर सलमा सुल्ताना हत्याकांड के आरोपी मधुर साहू को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. कोर्ट ने पर्याप्त सबूत नहीं होने पर ये जमानत दी है. कोरबा के कुसमुंडा की रहने वाली सलमा सुल्ताना साल 2018 में लापता हो गई थी. सलमा के परिवार वालों ने कुसमुंडा में उसके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
सलमा हत्याकांड में मधुर साहू को जमानत (ETV Bharat)
कोरबा: चर्चित सलमा सुल्ताना हत्याकांड के मुख्य आरोपी मधुर साहू को बिलासपुर हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर आरोपी को नियमित जमानत दी. हाई कोर्ट के जज पार्थ प्रतीम साहू के न्यायालय ने मधुर साहू को जमानत को दी है. कोर्ट में आरोपी मधुर साहू के वकील ने कहा कि उनके आवेदक मधुर साहू को फंसाया गया है. कोरबा पुलिस ने आरोप पत्र के साथ डीएनए टेस्ट रिपोर्ट भी दाखिल की थी. जांच रिपोर्ट में 13 में से केवल 1 एसटीआर डीएनए से मैच हुआ. मधुर को जमानत मिलने का यही सबसे बड़ा कारण बना.
मधुर साहू को जमानत (ETV Bharat)
सलमा हत्याकांड में मधुर साहू को जमानत, न्यूनतम 8 एसटीआर का डीएनए से मेल खाना जरूरी:मधुर साहू की ओर से एडवोकेट देवर्षि ठाकुर तो शासन की ओर से अधिवक्ता केशव कुमार गुप्ता ने पैरवी की. आरोपी मधुर साहू के अन्य अधिवक्ता कमलेश साहू ने बताया कि ''आपराधिक मामलों में फॉरेंसिक उपयोग में डीएनए प्रोफाइलिंग का सबसे आम प्रकार "एसटीआर" (शॉर्ट टेंडम रिपीट) विश्लेषण कहलाता है. एसटीआर डीएनए के अलग-अलग तत्व होते हैं. आवश्यकता के अनुसार डीएनए परीक्षण के लिए जिस व्यक्ति का सैंपल लिया गया है, उसके साथ मृतक के डीएनए का कम से कम 8 एसटीआर मैच होना चाहिए, तभी दो लोगों के बीच के मातृत्व या पितृत्व के संबंध को स्थापित किया जा सकता है''
मौजूदा मामले में 13 एसटीआर में से केवल एक ही मैच हुआ है: ''कोर्ट में पेश किए गए तथ्यों के आधार पर ऐसा नहीं कहा जा सकता कि जो कंकाल बरामद हुए थे वह तथाकथित मृतका सलमा के हैं''. यह दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को बेल दे दी है. आरोपी को ₹25000 का बांड भरने को भी कहा गया है. हालांकि कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित पक्ष असंतुष्ट है. आरोपी की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है.
''इस मामले में पुलिस के पास कोई ऐसा सबूत नहीं था जिससे बिना पर ये कहा जाए कि जो हड्डियां मिली और जो हत्या हुई वो मेरे पक्षकार ने की. इस संबंध में अन्वेषण करते हुए जिन हड्डियों को ये बताने का प्रयास किया गया कि हड्डियां सलमा सुल्ताना की है, उसके संबंध में पुलिस के द्वारा जो डीएनए कराया गया. उसकी माता के डीएनए से मैच कराने का प्रयास किया गया. वो डीएनए के जो एसटीआर हैं, एक व्यक्ति का जब डीएनए होता है तब जो एसटीआर मिलते हैं. जो संरचना मिलती है अनुवांशिकता के तौर पर जो माता पिता होते हैं. उस एसटीआर में केवल एक ही एसटीआर मैच हुआ''. -कमलेश साहू, अधिवक्ता
जहां से कंकाल बरामद किया वहां पहले था श्मशान घाट: अधिवक्ता कमलेश साहू ने कहा कि ''कोर्ट ने दोनों तरफ की दलील सुनने के बाद ही आरोपी को जमानत देने का फैसला दिया है. हमें यह भी पता चला है कि जिस स्थान से पुलिस ने कंकाल बरामद किया, वह पहले शमशान घाट का इलाका था. डीएनए सैंपल में केवल एक एसटीआर का मैच होना सामान्य बात है. किसी भी दो भारतीयों का डीएनए आपस में मैच किया जाए तो कम से कम 3 एसटीआर मैच हो जाता है. हम सभी एशिया और भारत में निवास करते हैं इसलिए कहीं न कहीं हमारे डीएनए में कुछ समानताएं रहती हैं.''
6 साल पहली गायब हुई थी न्यूज़ एंकर सलमा:कोरबा में छह साल पहले स्थानीय न्यूज चैनल की एंकर सलमा सुल्ताना लापता हो गई थी. गुमशुदगी के पांच साल बाद 2023 में पुलिस ने जब नए सिरे से जांच शुरू की तब सलमा हत्याकांड सामने आया. पुलिस के अनुसार सलमा की हत्या मधुर साहू और उसके साथियों ने गला दबाकर की थी और उसके शव को निर्माणाधीन सड़क के नीचे दफन कर दिया था.
पुलिस ने चलाया था तलाशी अभियान: तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक राॅबिंसन गुडिया ने सलमा की तलाश के लिए अभियान चलाया था. साक्ष्य और सबूतों के आधार पर सलमा का कंकाल कोरबा-दर्री मुख्य मार्ग पर खुदाई के बाद बरामद किया गया था. जांच पड़ताल के बाद सलमा के बॉयफ्रेंड और जिम संचालक मधुर कुमार साहू के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसे गिरफतार किया गया. अब कोर्ट से जमानत मिलने के बाद इस पूरे प्रकरण में एक नया मोड़ आ गया है.