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आनंद किशोर ने बताया- 'क्यों बेहतर रहा इस बार मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट', टॉप टेन छात्रों को मिलेगी ये सुविधाएं - Matric Result 2024

बिहार में इस बार मैट्रिक परीक्षा में 82.91% परीक्षार्थी सफल हुए हैं. बिहार बोर्ड के इतिहास में सबसे बेहतर परिणाम है. यह रिजल्ट कैसे बेहतर हुआ इस बारे में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया. पढ़ें, विस्तार से.

आनंद किशोर
आनंद किशोर

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 31, 2024, 5:21 PM IST

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर.

पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बिहार बोर्ड के मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2024 का परिणाम जारी कर दिया है. इस बार मैट्रिक परीक्षा में 82.91% परीक्षार्थी सफल हुए हैं जो अब तक बिहार बोर्ड के इतिहास में सबसे बेहतर परिणाम है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि परीक्षा परिणाम में सुधार के पीछे कई कारण हैं.

विद्यालय में मासिक टेस्ट का आयोजनः आनंद किशोर ने बताया कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी थी. सरकार ने बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की बहाली करके काफी हद तक दूर कर ली है. सभी विद्यालयों में सभी विषयों के शिक्षक उपलब्ध हैं. बच्चों को बेहतर शिक्षा दे रहे हैं. इसके अलावा पिछले सत्र से विद्यालय में मासिक टेस्ट का आयोजन शुरू किया गया. मासिक टेस्ट के बाद उत्तर पुस्तिका बच्चों को दी गयी. इससे बच्चों को अपना मूल्यांकन करने में सहूलियत हुई. वह तैयारी कर पाए कि कहां कमजोर हैं और कहां उन्हें काम करने की जरूरत है.

कमजोर बच्चों को शिक्षकों ने गाइड किया:आनंद किशोर ने बताया कि इसके अलावा कमजोर विद्यार्थियों के लिए 4:00 बजे के बाद विशेष कक्षा का प्रावधान किया गया. विशेष कक्षा में पढ़ाई में कमजोर बच्चों को शिक्षकों ने गाइड किया. शिक्षकों ने उन पर काम किया जिससे बच्चों का शैक्षिक कौशल बढ़ा. उन्होंने बताया कि टॉप टेन में कुल 51 विद्यार्थी हैं जिनमें 28 छात्र और 23 छात्राएं हैं. मैट्रिक परीक्षा में छात्राओं के सफलता का प्रतिशत भी बढ़ा है. काफी संख्या में छात्राएं अब मैट्रिक परीक्षा में शामिल भी हो रही हैं, जो प्रदेश के विकास की दिशा में एक बेहतरीन कदम है.

इंजीनियरिंग व मेडिकल की तैयारीः आनंद किशोर ने बताया कि टॉप 10 के सभी छात्रों को मेडल और लैपटॉप के साथ प्रशस्ति पत्र मिलेगा. इसके अलावा प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को 1 लाख रुपया, दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 75000 रुपया, तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 50000 रुपया और चौथे से दसवें स्थान तक जगह बनाने वाले विद्यार्थियों को 10 हजार रुपया दिया जाएगा. आनंद किशोर ने बताया कि बीते वर्ष से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति BSEB SUPER-50 कार्यक्रम चला रहा है जिसके तहत प्रदेश के 9 प्रमंडल में गैर आवासीय और आवासीय निशुल्क इंजीनियरिंग तथा मेडिकल की तैयारी कराई जा रही है.

BSEB SUPER-50 के लिए होगी काउंसिलिंगः टॉप 10 में स्थान पाने वाले सभी विद्यार्थी पटना में चलने वाले आवासीय और अन्य प्रमंडल में चलने वाले गैर आवासीय BSEB SUPER-50 में पढ़ने के लिए सीधे काउंसिलिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं. 4 अप्रैल तक वह काउंसिलिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं. इनका कोई लिखित टेस्ट नहीं होगा. इसके अलावा टॉप 20 विद्यार्थी प्रदेश के नौ प्रमंडल में चलने वाले गैर आवासीय BSEB SUPER-50 में पढ़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं. 4 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं और सभी की साथ अप्रैल को पटना के ज्ञान भवन में काउंसलिंग होगी.

सरकारी प्लस टू विद्यालय में निशुल्क नामांकनः आनंद किशोर ने बताया कि समिति द्वारा संचालित आवासीय शिक्षक संस्था में बच्चों को आईआईटी जेईई और नीट की निशुल्क तैयारी कराई जाती है. कोटा, हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में पूर्व में पढ़ाने वाले शिक्षकों द्वारा बच्चों को पढ़ाया जाता है. प्रतिदिन पढ़ाई के बाद डाउट क्लीयरिंग के लिए अलग से क्लास की व्यवस्था है. इसके अलावा इन बच्चों का पटना के सरकारी प्लस टू विद्यालय में निशुल्क नामांकन भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति कराता है.

टॉप थ्री च्वाइस के आधार पर स्कूल आवंटितः सक्षमता परीक्षा को लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि कक्षा 9 -10 और 11- 12 के लिए आयोजित की गई सक्षमता परीक्षा का परिणाम 2 अप्रैल तक जारी कर दिया जाएगा. 2 अप्रैल को दूसरे चरण के सक्षमता परीक्षा के संबंध में जानकारी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि शिक्षकों से प्राप्त हुए उनके फर्स्ट च्वाइस और टॉप थ्री च्वाइस को ध्यान में रखते हुए और शिक्षा विभाग से प्राप्त हुई विभिन्न जिलों में शिक्षकों की संख्या के आधार पर रिजल्ट तैयार किया गया.

ऐसे मिल सकता है मनपसंद जिलाः बेहतर तकनीक का इस्तेमाल किया गया जिसके कारण 90% से अधिक शिक्षकों को उनके फर्स्ट च्वाइस का जिला ही मिला है. जिन शिक्षकों को सेकंड च्वाइस या थर्ड च्वाइस मिला है और अपने च्वाइस से खुश नहीं है, उन्हें भी समिति मौका देने की तैयारी में है. ऐसे शिक्षकों की संख्या काफी कम है और यह शिक्षक दूसरे चरण की सक्षमता परीक्षा में बैठकर अपना रिजल्ट बेहतर कर मनपसंद जिला प्राप्त कर सकते हैं.

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