जयपुर: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के एक अखबार में लिखे लेख पर अब सियासत तेज हो गई है. भाजपा के कई नेताओं ने इस लेख को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा है. इस बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने सभी उद्योगतियों के लिए समान नियम और खुले माहौल की तरफ ध्यान आकर्षित करवाया है. इसे गंभीरता से लेना चाहिए. यह सबके हित में है.
राहुल गांधी के समर्थन में क्या बोले अशोक गहलोत (ETV Bharat Jaipur) अशोक गहलोत ने एक बयान जारी कर कहा, दुनिया में ऐसे कई देश हैं. जहां उद्योगपति कहते हैं कि उन्हें नेताओं के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती. प्रधानमंत्री-मंत्री, किसी के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती. सभी उद्योगपतियों के लिए सामान नियम होते हैं. संस्थाएं सामान रूप से सभी का ध्यान रखती है और कोई भय नहीं होता है. इसी तरफ राहुल गांधी ने देशवासियों का ध्यान आकर्षित करवाया है. इसको गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि यह सबके हित में है. अगर खुला माहौल और समान नियम मिलेंगे, कोई भय नहीं होगा तो निवेशक भी आगे आएंगे. कई नए एंटरप्रेन्योर बनेंगे. जो देशहित में होगा.
पढ़ें:Rajasthan: पूर्व राजपरिवारों पर राहुल गांधी के लेख से चढ़ा सियासी पारा, दीया कुमारी ने दे डाली ये नसीहत
जांच एजेंसियों का भय सबसे खतरनाक:अशोक गहलोत बोले, सरकार किस पार्टी की है. उसके हिसाब से उद्योगपति को यह महसूस हो कि अब वह ज्यादा काम कर सकता है और ज्यादा प्रोडक्शन मिलेगा. यह अच्छी परंपरा नहीं है. आज ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई का भय भी बहुत खतरनाक है. जब सुप्रीम कोर्ट ने जोड़ा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के लेन-देन भी उस ढंग से हुए हैं कि किस प्रकार से हम ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई से लोगों को डराएं, धमकाएं और इलेक्टोरल बॉन्ड लें. यह ज्यादा खतरनाक बात है.
पढ़ें:Rajasthan: राहुल-प्रियंका और केसी वेणुगोपाल अचानक पहुंचे जयपुर एयरपोर्ट, विशेष विमान से दिल्ली के लिए भरी उड़ान
सरकार किसी की भी, नियम समान हो:अशोक गहलोत ने कहा कि यह तो विभिन्न राजनीतिक दलों में भी भेदभाव वाली बात है. इन्वेस्टर देशहित में इन्वेस्ट करता है. उसे सरकारों को भी उसी रूप में देखना चाहिए. सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो. नीतियां ऐसी बने कि सभी को समान मौका मिले. जब राहुल गांधी यह बात कहते हैं तो पता चलता है कि राहुल गांधी, कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की क्या सोच है. सच्चाई अपने आप सामने आ जाती है. यही भाव रखना चाहिए. यह देशहित में है.