मनेंद्रगढ़ में राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र बना ठगी का शिकार, फॉरेस्टर का आरोपों से इंकार - Fraud with Baiga family - FRAUD WITH BAIGA FAMILY
बैगा समाज के लोग छत्तीसगढ़ में विशेष संरक्षित जनजातियों में शामिल हैं. सरकारी दस्तावेजों में इनको राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र माना जाता है. शासन की ओर से इनके संरक्षण और विकास के लिए दर्जनों योजाएं चलाई जाती हैं. योजना का कितना लाभ इनको मिलता है ये तो इनके हालात से ही पता चल जाता है. मनेंद्रगढ़ में बैगा जनजाति से आने वाले एक शख्स ने वन विभाग के फॉरेस्टर पर गंभीर आरोप लगाया है. बैगा की शिकायत के मुताबिक उसको पट्टा दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपए वसूले गए हैं. आरोपी फॉरेस्ट ने बैगा के आरोपों को गलत बताया है.
मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: बैगा जनजाति को विकास की धारा से जोड़ने के लिए सालों से दर्जनों योजनाएं प्रदेश में चल रही हैं. सरकार की ओर से इनको पट्टे भी समय समय पर बांटे जाते हैं. मनेंद्रगढ़ के बहरासी में रहने वाले शिवमंगल बैगा ने वन विभाग के फॉरेस्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शिवमंगल बैगा का आरोप है कि उससे पट्टा दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपए की ठगी की है. अपने ऊपर लगे आरोपों को फॉरेस्टर ने गलत बताया है.
पट्टा दिलाने के नाम पर ठगी का आरोप (ETV Bharat)
पट्टा दिलाने के नाम पर ठगी का आरोप: बैगा परिवार के लगाए आरोपों को वन विभाग के आरोपी कर्मचारी ने गलत बताया है. फॉरेस्टर का कहना है कि विभागीय कार्रवाई के दौरान कई कर्मचारी मौके पर मौजूद थे. अगर मैंने पैसे लिए होते तो दूसरे कर्मचारियों ने क्यों नहीं देखा.
''फॉरेस्टर सुरेश ने मुझसे कहा कि कुछ खर्च करो तो मैं पट्टे बनवा दूंगा. पट्टे बनवाने के नाम पर उससे दस दस हजार रुपए करके कुल 20 हजार रुपए ले लिए. मेरे बेटे से देशी मुर्गा और दारू भी लिया. जब मैं बाद में पट्टे की पूछताछ के लिए इनके पास गया तो मुझसे गाली गलौच किया और मुझे वहां से भगा दिया. मैं साल 2001 से 12 एकड़ की भूमि पर रह रहा हूं. खेती भी कर रहा हूं. मैंने कई पड़े भी लगाए हैं. आज सभी पेड़ फलदार हो गए हैं. अब फॉरेस्टर ने अपना बीट बदलवा लिया है''. - शिवमंगल बैगा, पीड़ित
''मैने किसी भी प्रकार को कोई पैसा शिवमंगल बैगा से नहीं लिया है. कार्रवाई के दौरान कई कर्मचारी मौजूद थे किसी ने भी मुझे पैसे लेते नहीं देखा. मुझपर जो भी आरोप लगाए गये हैं वो निराधार हैं. अगर किसी ने मुझे पैसा लेते देखा है तो उसे सामने लाएं''. -सुरेश सिंह, फॉरेस्टर, वन विभाग
आरोपों की जांच के बाद सामने आएगी सच्चाई: शिवमंगल बैगा के लगाए आरोपों की जांच होने के बाद ही ये पता लग पाएगा कि कौन सच्चा है और कौन झूठा. वन विभाग के कर्मचारी के ऊपर लगे आरोप गंभीर हैं. विभाग को चाहिए कि इस मामले की जांच गंभीरता से कराए. विशेष संरक्षित जनजाति से आने वाले बैगा परिवार के आरोपों को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता है.