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हाईकोर्ट ने कहा- किसी को रोजगार से वंचित करना उचित नहीं, पुलिस कांस्टेबल की बर्खास्तगी का आदेश रद्द - ALLAHABAD HIGH COURT

न्यायधीश जेजे मुनीर ने सिद्धार्थ सिंह की याचिका पर आदेश दिया. याची 2013 की पुलिस भर्ती में सभी परीक्षाओं में सफल हुआ था.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 24, 2024, 8:05 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवाद में दर्ज मुकदमे के आधार पर पुलिस कांस्टेबल की बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने डीसीपी वाराणसी के आदेश पर रोक लगाते हुए उनको नया आदेश पारित करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायधीश जेजे मुनीर ने सिद्धार्थ सिंह की याचिका पर दिया है.

याची 2013 की पुलिस भर्ती में शामिल हुआ और सभी परीक्षाओं में सफल हुआ. इस दौरान उसे वैवाहिक विवाद में उसकी भाभी की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में नामजद कर दिया गया. हालांकि वह मुकदमे में बरी हो गया. मगर मुकदमा दर्ज होने के कारण पुलिस कांस्टेबल की नौकरी के योग्य नहीं मनाते हुए नियुक्ति देने से इंकार कर दिया गया. याची ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी.

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि यांत्रिक दृष्टिकोण हमेशा आपराधिक मामला दर्ज होने मात्र से आरोपी व्यक्ति को सार्वजनिक रोजगार से अयोग्यता की ओर ले जाता है, भले ही वह बरी हो गया हो. व्यक्ति के खिलाफ लगाए गए आरोपों की प्रकृति और उस पृष्ठभूमि को ध्यान में रखना होगा. समाज में मौजूदा समय में निजी लाभ के कारण झूठे मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं.

कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति को साफ-सुथरी पृष्ठभूमि से, कड़ी मेहनत से पाए सार्वजनिक रोजगार से वंचित करना उचित नहीं है. कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए डीसीपी वाराणसी के 3 फरवरी 2023 के आदेश को रद्द कर दिया. तीन सप्ताह के भीतर नया आदेश पारित करने के लिए पुलिस उपायुक्त को आदेश दिया है.

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