प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को एचजेएस कैडर के न्यायिक अधिकारी के पद पर नियुक्त करने का आदेश दिया है. उसे जासूसी के आरोपों के कारण लगभग सात साल पहले इस पद पर नियुक्त करने से मना कर दिया गया था. न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह एवं न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने कहा कि राज्य के पास ऐसा कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है, जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि याची ने किसी विदेशी खुफिया एजेंसी के लिए काम किया है.
मुकदमे में उसे बरी किया जाना सम्मानजनक है. खंडपीठ ने कहा कि याची को दो आपराधिक मुकदमों में सम्मानपूर्वक बरी किया गया था और किसी भी मामले में अभियोजन पक्ष की कहानी में सच्चाई का कोई तत्व नहीं पाया गया तथा उन आदेशों को अंतिम रूप दे दिया गया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि याची को बरी किए जाने से उस पर लगा कलंक प्रभावी रूप से मिट जाना चाहिए था. उसे किसी भी निराधार संदेह से मुक्त होकर अपने जीवन और कैरियर में आगे बढ़ने की अनुमति मिल जानी चाहिए थी.
याची प्रदीप कुमार पर 2002 में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था. उसे 2014 में मुकदमे में बरी कर दिया गया था. मुकदमा 2004 में शुरू हुआ था. हालांकि 2016 में यूपी उच्चतर न्यायिक सेवा (सीधी भर्ती) परीक्षा में अंतिम चयन के बावजूद उसे नियुक्ति पत्र देने से इनकार कर दिया गया था.