लखनऊःसमाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हिंदी दिवस पर लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में हिंदी भाषा के साहित्यकारों और लेखकों को सम्मानित किया. जिसमें मुख्य तौर पर प्रोफेसर कौशल बिस्मिल्लाह, प्रोफेसर उदय प्रताप, प्रो. रमेश दीक्षित, डॉ वंदना मिश्रा, दीपक कबीर शामिल रहे. इस मौके पर अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि आज हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी के साथ साथ दूसरे भाषा को भी बढ़ावा देना चाहिए. आज हम हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा के तौर पर जानते हैं. लेकिन उसके साथ-साथ भारत के दूसरे भाषाओं को भी बढ़ावा देना चाहिए. डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, नेताजी मुलायम सिंह यादव के साथ कई अन्य समाजवादी विचारधारा के लोग लोगों ने हिंदी भाषा के लिए काम किया है.
मीडिया से बातचीत करते अखिलेश यादव. (Photo Credit; ETV Bharat) बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन टूटने और मायावती के फोन नहीं उठाने वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन हुआ था. उस वक्त हम मंचों से यही कह रहे थे कि जो काम मान्यवर काशीराम और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया आपस में मिलकर नहीं कर पाए थे, वह हम लोगों ने गठबंधन करके करेंगे. इससे देश की राजनाथ राजनीति बदलेंगे, लेकिन जब गठबंधन टूटा तो उस वक्त मैं आजमगढ़ के मंच पर था. मेरे बगल में बहुजन समाजवादी पार्टी के बड़े नेता बैठे थे. जब उनसे हमने पूछा कि यह गठबंधन क्यों टूट रहा है तो उन्होंने कहा कि पहले हमें धोखा मिल चुका था, अब आपको धोखा मिल गया है. बता दें कि एक दिन पहले सपा और बसपा का 2019 में गठबंधन क्यों टूटा, इसको लेकर मायावती ने कहा कि था कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने फोन उठाना बंद कर दिया था. इसलिए, गठबंधन तोड़ना उनकी मजबूरी थी.
अखिलेश यादव ने कहा कि मंगेश यादव के परिवार से मुलाकात की है और सारी जानकारी ली है. परिजनों ने बताया कि मंगेश यादव को दो दिन पहले पुलिस ने उठाया था, इसके बाद एनकाउंटर किया. पुलिस के दबाव में क्या कुछ होता है, यह सब जानकारी हमने ली है. लूट का अभी पूरा सोना बरामद नहीं हुआ है. अखिलेश यादव ने कहा कि मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर के उन्होंने गंभीर सवाल उठाए हैं. पूरा पुलिस विभाग साजिश करने में लगा है. पुलिस के डर से कोई कुछ भी कह सकता है. हमने प्रदेश में होने वाले सभी एनकाउंटर पर समय-समय पर सवाल उठाए हैं. लगता है जल्दी मुझ पर मानहानि का केस हो जाएगा.
हिंदी दिवस पर साहित्यकारों को सम्मानित करते अखिलेश यादव. (Photo Credit; ETV Bharat) भारतीय जमीनी पार्टी बनी भाजपाःउन्होंने कहा कि अयोध्या के पावन धरती पर भारतीय जनता पार्टी के नेता जिस तरीके से जमीनों का कारोबार कर रहे हैं, वह निंदनीय है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने किसानों से सस्ती रेट पर जमीनी ली और अब उसका महंगा कारोबार कर रहे हैं. जिससे लगता है कि अब यह भारतीय जनता पार्टी नहीं बल्कि भारतीय जमीनी पार्टी बन चुकी है.
मठाधीश्वर माफिया वाले बयान पर अखिलेश यादव कहा कि जिन संतों को बुरा लग रहा है, उनको उस वक्त यह भी बुरा लगना चाहिए था कि जब नारा चला था इनको मारो जूते चार. उन्होंने कहा कि डिक्शनरी में भी माफिया और मठाधीश में ज्यादा फर्क नहीं है और गूगल पर भी अगर आप सर्च करेंगे तो वह भी यही बताएगा कि माफिया और मठाधीश में कोई बड़ा अंतर नहीं है. तो क्या गूगल का भी पुतला जलाएंगे और प्रदर्शन करेंगे.
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