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मदरसों में संस्कृत तालीम पर छिड़ी बहस, अखाड़ा परिषद को 'कुबूल' पहल, जानिये क्या बोलें रविंद्र पुरी

मदरसों में संस्कृत पढ़ाए जाने के फैसले पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने खुशी जाहिर की है.

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मदरसों में संस्कृत पढ़ाए जाने पर अखाड़ा परिषद खुश (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 20, 2024, 8:53 PM IST

हरिद्वार:अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड के अध्यक्ष शमून कासमी द्वारा मदरसों में संस्कृत पढ़ाये जाने के फैसले और बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा मदरसा बोर्ड को खत्म करने की सिफारिश करने पर खुशी जाहिर की है.

महंत रविंद्र पुरी महाराज बोले बढ़ेगा भाईचारा:महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि हमारे हिंदू भी उर्दू पढ़ते हैं और मुस्लिम भी संस्कृत पढ़ते हैं, क्योंकि ये एक भाषा है, इसलिए मुसलमानों को संस्कृत से बैर नहीं करना चाहिए और हिंदूओं को उर्दू से बैर नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूपी में कई ऐसे मुसलमान भाई हैं, जिन्होंने संस्कृत में पीएचडी की है.

मदरसों में संस्कृत तालीम पर छिड़ी बहस (video-ETV Bharat)

एक दूसरे के धर्म को जानने का मिलेगा मौका:महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि उर्दू और संस्कृत पढ़ने से दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे के धर्म को जान और समझ सकते हैं. इससे हमारा भाईचारा बना रहेगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मदरसों में कट्टरपंथी सिखाई जाती है. वहीं, कट्टरपंथी खत्म हो जाएगी, तो भाईचार कायम रहेगा.

मदरसों में संस्कृत पढ़ाने की तैयारी शुरू:बता दें कि उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड ने मदरसों में संस्कृत पढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके अलावा मदरसों में अब अरबी भी पढ़ाई जाएगी. उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा था कि दोनों प्राचीन भाषा एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं.

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