रांची: झारखंड में कुड़मी-कुरमी महतो जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग तेज होती जा रही है. कई कुड़मी जाति से जुड़े सामाजिक संगठनों ने पिछले दिनों हुंकार रैली कर इस मांग को बुलंद कर दिया है. ऐसे में राज्य की सशक्त और जनसंख्या के हिसाब से बेहद अहम कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग भाजपा के कई विधायकों ने की है तो दूसरी ओर आजसू के विधायक लंबोदर महतो भी आज विधानसभा के बाहर धरना पर बैठे.
बता दें कि इससे पहले भी सत्र के दौरान लंबोदर महतो यह मांग उठाते रहे हैं, लेकिन हर बार की तरह आज भी सदन के बाहर वह अकेले ही यह मांग करते दिखे. उनका साथ देने न तो रामगढ़ की विधायक सुनीता चौधरी आयीं और न ही आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो. ईटीवी भारत ने जब इतने महत्वपूर्ण मांग को लेकर अकेले पड़ जाने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि कभी कभी अकेले चना भी भाड़ फोड़ देता है. उन्होंने कहा कि आजसू की नीति सिद्धांत भी कुड़मी एवं अन्य जातियों को एसटी का दर्जा देने का समर्थन करता है.
दरअसल आजसू पार्टी के अभी झारखंड विधानसभा में 3 विधायक हैं. लंबोदर महतो के अलावा पार्टी के अध्यक्ष, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो और सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी हैं. छोटानागपुर की कुड़मी-कुरमी महतो और उत्तरी छोटानागपुर- संथाल परगना की घटवार जाति- तेली कोल को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की सरकार से मांग है.
कमार, करमाली, लोहार, लोहरा, बड़ाईक, चिक बड़ाईक सभी के रहन सहन एक हैं लेकिन किसी को ओबीसी तो किसी को एससी तो किसी को एसटी का प्रमाण पत्र जारी होता है. इन सभी जातियों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र निर्गत करने की भी मांग है. सुवर्णिक एवं दत्ता, पाल, डे की जाति का जाति प्रमाण पत्र अनेक्सर 01 के तहत जारी करने और बेरमो अनुमंडल को जिला और खैराचातर, महुआटांड़, चतरोचट्टी को प्रखंड बनाने की लंबोदर महतो की मांग है.