दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

दिल्ली में खराब होने लगी है हवा, फेफड़ों के साथ-साथ आंखों का रखें खास ख्याल

प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है, जो न केवल हमारे फेफड़ों पर प्रभाव डालता है, बल्कि आंखों और त्वचा के लिए भी हानिकारक है.

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

Etv Bharat
फेफड़ों के साथ-साथ आंखों और त्वचा के लिए भी खतरा (Etv Bharat)

नई दिल्ली:दिवाली का त्योहार नजदीक है और इस खुशी के मौसम में वायु प्रदूषण ने दिल्ली एनसीआर के निवासियों को परेशान करना शुरू कर दिया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 15 अक्टूबर की शाम 5 बजे आनंद विहार क्षेत्र में वायु प्रदूषण स्तर 435 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो 'डार्क रेड जोन' में आता है. वहीं, गाजियाबाद के लोनी का प्रदूषण स्तर भी 'रेड जोन' में बना हुआ है.

चिंताओं का बढ़ता कारण:जैसे-जैसे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, खासकर उन परिवारों में चिंताओं का स्तर भी बढ़ जाता है जहां छोटे बच्चे, बुजुर्ग या गर्भवती महिलाएं हैं. वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीपी त्यागी का कहना है कि प्रदूषण से बचाव ही एकमात्र समाधान है, क्योंकि प्रदूषित हवा में अधिक समय बिताने से कई प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव

फेफड़ों को नुकसान: प्रदूषित हवा में PM 2.5 और PM 10 की उच्च मात्रा होती है, जो फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है. फेफड़ों में लगातार प्रदूषित हवा के कारण संक्रमण का जोखिम भी बढ़ता है.

आंखों के लिए खतरा: प्रदूषण के कणों से आंखों में सूखापन और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें आंखों को नुकसान पहुंचाती हैं.

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीपी त्यागी (ETV Bharat)

यह भी पढ़ें-धूल नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए टीमें गठित, स्मॉग गन तैनात की जाएंगी: सीएम आतिशी

त्वचा की समस्याएं: वायु प्रदूषण त्वचा पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है. प्रदूषित हवा में मौजूद टॉक्सिंस त्वचा के पोर्स में जमा हो जाते हैं, जिससे एक्ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

प्रदूषण से बचाव के उपाय:इस बढ़ते प्रदूषण से बचने के लिए कुछ सरल उपायों को अपनाया जा सकता है.

आंखों की सफाई: दिन में कई बार अपनी आंखों को साफ पानी से धोएं, खासकर जब बाहर रहना हो.

सनग्लासेस पहनें: घर से बाहर निकलते समय सनग्लासेस पहनें ताकि प्रदूषण और धूल के कणों से अपनी आंखों की सुरक्षा कर सकें.

हाइड्रेटेड रहें: प्रदूषण का स्तर अधिक होने पर घर से निकलने से पहले खुद को अच्छी तरह हाइड्रेट रखें.

समय का ध्यान रखें: सुबह और शाम प्रदूषण का स्तर अधिक होता है, इसलिए इन समयों में घर से बाहर निकलने से बचें.

व्यायाम की व्यवस्था: अगर वातावरण प्रदूषित है, तो आउटडोर एक्सरसाइज की बजाय इनडोर एक्सरसाइज को प्राथमिकता दें.

दिवाली का त्योहार खुशी और रौशनी का प्रतीक है, लेकिन इस दौरान प्रदूषण को लेकर सावधानी आवश्यक है. प्रदूषण से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए सतर्क रहकर ही हम अपने और अपने परिवार की सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं. सही जानकारी और उपायों के साथ, हम इस दिवाली को न केवल उत्साह से बल्कि स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए भी मना सकते हैं.

यह भी पढ़ें-गाजियाबाद: ग्रेप लागू होने के बाद हरकत में UPPCB, कई विभागों को सौंपी गई प्रदूषण नियंत्रण की जिम्मेदारी

ABOUT THE AUTHOR

...view details