नई दिल्ली:दिवाली का त्योहार नजदीक है और इस खुशी के मौसम में वायु प्रदूषण ने दिल्ली एनसीआर के निवासियों को परेशान करना शुरू कर दिया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 15 अक्टूबर की शाम 5 बजे आनंद विहार क्षेत्र में वायु प्रदूषण स्तर 435 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो 'डार्क रेड जोन' में आता है. वहीं, गाजियाबाद के लोनी का प्रदूषण स्तर भी 'रेड जोन' में बना हुआ है.
चिंताओं का बढ़ता कारण:जैसे-जैसे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, खासकर उन परिवारों में चिंताओं का स्तर भी बढ़ जाता है जहां छोटे बच्चे, बुजुर्ग या गर्भवती महिलाएं हैं. वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीपी त्यागी का कहना है कि प्रदूषण से बचाव ही एकमात्र समाधान है, क्योंकि प्रदूषित हवा में अधिक समय बिताने से कई प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव
फेफड़ों को नुकसान: प्रदूषित हवा में PM 2.5 और PM 10 की उच्च मात्रा होती है, जो फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है. फेफड़ों में लगातार प्रदूषित हवा के कारण संक्रमण का जोखिम भी बढ़ता है.
आंखों के लिए खतरा: प्रदूषण के कणों से आंखों में सूखापन और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें आंखों को नुकसान पहुंचाती हैं.
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त्वचा की समस्याएं: वायु प्रदूषण त्वचा पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है. प्रदूषित हवा में मौजूद टॉक्सिंस त्वचा के पोर्स में जमा हो जाते हैं, जिससे एक्ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.