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यूपी में कहां है अटलजी की जन्मस्थली, उनके नाम पर 1 साल पहले शुरू हुई हेलीकॉप्टर सेवा सिर्फ कागजों में ही क्यों उड़ी? - MATHURA HELICOPTER SERVICE

भारत रत्न पूर्व पीएम की जन्मशती आने के बावजूद उनके नाम पर चलने वाली योजनाएं दौड़ नहीं सकीं. आखिर क्या है वजह पढ़िए.

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आगरा के लाल अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन आज (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 25, 2024, 2:10 PM IST

आगरा : आज भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री आगरा के लाल अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है. आगरा की बाह तहसील में उनका पैतृक गांव बटेश्वर है. एक साल पहले सीएम योगी ने उनके जन्मदिन पर बटेश्वर से आगरा और मथुरा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का शुभारंभ किया था. यूपी पर्यटन विभाग ने 15 अगस्त से हेलीकॉप्टर सेवाएं सुचारू रूप से शुरू करने का दावा किया था लेकिन यह दवा हवा हवाई ही साबित हो रहा है. अभी तक शुभारंभ के बाद एक भी दिन हेलीकॉप्टर ने उड़ान नहीं भरी.

कब बनी थी सहमतिःएक जुलाई 2024 को आगरा और मथुरा की हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की सहमति बनी. इसके बाद भी फर्म ने हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू नहीं की. मुख्यालय से कोई आदेश नहीं मिला. इतना ही नहीं, फर्म की ओर से किराया भी जारी कर दिया गया है मगर, अभी तक शुभारंभ के बाद एक भी दिन हेलीकॉप्टर ने उड़ान नहीं भरी.


मुख्यालय से अभी तक नहीं मिला कोई आदेश :यूपी पर्यटन विभाग की क्षेत्रीय निदेशक दीप्ति वत्स ने बताया कि आगरा और मथुरा में पीपीपी मॉडल पर हेलीकॉप्टर सेवा का शुभारंभ सीएम योगी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर 2023 में किया था. इसके बाद जिस फर्म को सेवाएं शुरू करने की जिम्मेदारी मिली थी उसने किराया सूची जारी की थी. कब से यह सेवा शुरू होगी इस बारे में फर्म और मुख्यालय से कोई निर्देश नहीं मिले हैं.


पीडब्ल्यूडी ने बनाया हेलीपोर्ट :बता दें कि योगी सरकार का पूरा जोर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने पर है. इसी मंशा से योगी सरकार ने पहली बार सत्र 2017-18 में आगरा में हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए. इस पर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और इनर रिंग रोड (यमुना एक्सप्रेस-वे) के पास गांव मदरा में 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर 4.95 करोड़ रुपये में हेलीपैड बनाने का काम पीडब्ल्यूडी विभाग ने शुरू किया था. वृंदावन में भी हेलीपोर्ट का निर्माण हुआ.



2019 में पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास :दरअसल, सीएम योगी के हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट का 9 जनवरी-2019 को आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान की जनसभा से पीएम मोदी ने विधिवत शिलान्यास किया था. तब ये हेलीपोर्ट अक्टूबर-2020 में बनकर तैयार होना था. मगर, कोरोना की वजह से कार्य में बाधा आई. इसके बाद सन 2021 में नया एस्टीमेट 4.95 करोड़ रुपये से बढ़कर 7.9 करोड़ का बनाकर सरकार को भेजा गया था. फिर विभाग के बजट मांगने पर योगी सरकार ने आगरा हेलीपोर्ट और मथुरा के वृंदावन में हेलीपोर्ट से हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन पीपीपी मॉडल करने करने घोषणा कीं.

30 साल का फर्म से करार :आगरा और मथुरा में हवाई सेवाएं शुरू करने के लिए सरकार ने हेलीपोर्ट बनाकर दिया है. पीपीपी मॉडल पर कंपनी से 30 साल का करार हुआ है. इसमें हेलीपोर्ट पर पुलिस थाना और चौकी की व्यवस्था व खर्च संबंधित फर्म को देखना है. इसके साथ ही हेलीपोर्ट से सेवा शुरू करने के एवज में फर्म हर साल 25 लाख रुपये पर्यटन विभाग को देगी. सब ठीक रहने पर करार आगे भी बढ़ाया जा सकता है.


एक नजर आगरा के हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट पर

  • 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर बनाया जा रहा है हेलीपोर्ट.
  • 4.5 करोड़ रुपए का बजट अब तक जारी किया गया है.
  • 7.9 करोड़ रुपए का रिवाइज्ड एस्टीमेट बनाकर भेजा था.
  • एक हेलीपैड व हेलीकॉप्टर खड़े करने के लिए दो हैंगर बने.
  • एडीए और यूपीडा ने हेलीपोर्ट बनाने के लिए जमीन दी है.

आखिरी बार सन् 1999 में बटेश्वर आए थे अटलजी :अटल के भतीजे अश्वनी वाजपेयी बताते हैं कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को अपने पैतृक गांव बटेश्वर से गहरा लगाव था. वह सन 1983 में अपने भाई सदा बिहारी वाजेपयी के पौत्र के मुंडन में आए थे. तब यमुना में नहाए और करीब 6 घंटे तक रुके थे. इसके बाद आखिरी बार अटल जी 6 अप्रैल 1999 में बटेश्वर आए. तब उन्होंने बटेश्वर में रेलवे लाइन की आधारशिला रखी थी.

अटल जी की यादें संजोए है बटेश्वर का संकुल : अटल विहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था. अटलजी के निधन के बाद भाजपा की ओर से उनका अस्थि कलश देश की पवित्र नदियों में विसर्जित किए गए. 7 सितंबर 2018 को अटलजी के पैतृक गांव बटेश्वर में अस्थि कलश आया था. विधि विधान से उनकी अस्थियां यमुना में प्रवाहित की गई थीं. तब सरकार ने बटेश्वर में 9 करोड़ रुपये में अटल संकुल बनाने की घोषणा की थी. ये अटल संकुल बन गया है. जहां पर अटलजी के किशोर, युवा से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक के पुराने फोटो और टेक्स्ट को प्रदर्शित किया गया है.

अटल स्टेशन नहीं बना बटेश्वर हाल्ट :बटेश्वर निवासी राकेश वाजपेयी ने बताया कि अटलजी ने बटेश्वर में रेलवे लाइन की नींव रखी थी. उनके नाम पर ही बटेश्वर हाल्ट का नाम किया जाए. इसकी मांग की गई. मगर, अभी तक बटेश्वर हाल्ट का नाम अटल स्टेशन नहीं हो सका है. अटलजी की पैतृक हवेली पर स्मारक बनाए जाना प्रस्तावित था इसके लिए तब 6.5 करोड़ के बजट की घोषणा की थी. मगर, वहां पर आज भी बबूल खडे़ हैं.

इन कार्य की हुई घोषणा

  • अटल संग्रहालय यानी संकुल भवन.
  • पैतृक आवास स्थान पर स्मारकमहाविदधालय का निर्माण.
  • बटेश्वर हाल्ट का नाम बटेश्वर स्टेशन का दर्जा देना.
  • क्रांति की गवाह जंगलात की कोठी को उसके मूल रूप में सहेजना.
  • बटेश्वर का सौंदर्यीकरण, पार्क और झील का निर्माण.
  • पर्यटकों के रात्रि प्रवास के लिए व्यवस्था करना.
  • बटेश्वर को बुंदेलखंड व लखनऊ एक्सप्रेस वे से जोडना.
  • बटेश्वर में स्टेडियम का निर्माण करना.
  • गांधी चबूतरे का जीणोद्धार करना.
  • बटेश्वर के प्रसिद्ध मेले को राज्य स्तर का दर्जा देना.

कृषि मेले का उदघाटन करेंगे कृषि मंत्री : अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर उनके पैतृक गांव बटेश्वर में तीन दिवसीय कृषि मेला लग रहा है. आगरा डीएम ने बताया कि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही कृषि मेले का उदघाटन करेंगे. सीएम योगी सुबह साढे़ दस बजे लोक भवन से संबोधन करेंगे.

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