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शाबाश बिटिया; गणेश विसर्जन के दौरान डूबने लगे 4 युवक, उफनती यमुना की जानलेवा लहरों से सबको बचा लाई - Saved drowning youth Agra

आगरा के यमुना किनारे स्थित बटेश्वरधाम पर मंगलवार को गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान चार युवक गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे. चीख पुकार सुनकर घाट किनारे पूजन सामग्री बेच रही मोहिनी ने साहस दिखाते हुए नदीं में छलांग लगा दी और बारी बारी सभी युवकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. Saved drowning youth Agra

शाबाश मोहिनी ; यमुना में डूब रहे युवकों की बचाई जान.
शाबाश मोहिनी ; यमुना में डूब रहे युवकों की बचाई जान. (Photo Credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 18, 2024, 1:21 PM IST

Updated : Sep 18, 2024, 1:33 PM IST

शाबाश मोहिनी ; यमुना में डूब रहे युवकों की बचाई जान. (Video Credit : ETV Bharat)

आगरा :बाह तहसील में यमुना किनारे स्थित बटेश्वरधाम पर गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान यमुना में नहाने उतरे चार युवक डूबने लगे. युवकों को डूबता देख चीख पुकार मच गई. शोर सुनकर घाट पर पूजन सामग्री बेच रही मोहनी ने यमुना नदी में छलांग लगा दी. उफनती नदी में डूब रहे युवकों के लिए फरिश्ता बनकर कूदी मोहिनी ने एक-एक कर चारों युवकों नदी से बाहर निकाल लिया. अब मोहनी के साहस और हौसले की खूब चर्चा हो रही है.

बता दें, यमुना इन दिनों बिकराल रूप में बह रही है. गणेश विर्सजन के लिए यमुना किनारे बटेश्वरधाम में दूर दराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं. मंगलवार को फिरोजाबाद और अन्य जगहों से श्रद्धालु गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए बटेश्वरधाम पहुंचे थे. लोग मूर्ति विसर्जन के बाद नदी में नहाने रहे थे. इसी दौरान फिरोजाबाद के आकाश और उसका साथी हिमालय नहाने लगा और गहरे पानी में जाने की वजह से डूबने लगे. यह देख घाट पर मौजूद दो युवक उन्हें बचाने के लिए आगे बढ़े, लेकिन वे भी डूबने लगे.

चीख पुकार सुनकर घाट पर पूजन सामग्री बेच रही मोहिनी ने उफनती नदी में छलांग लगा दी. मोहिनी की हिम्मत और हौसला देखकर दूसरे लोग भी मदद के लिए आगे बढे. एक व्यक्ति ने नदी में रस्सी फेंक दी. इसके बाद तैराकी में माहिर मोहनी ने एक-एक कर रस्सी के सहारे चारों युवकों को उफनाती यमुना नदी से सुरक्षित बाहर निकाला. मोहिनी की हिम्मत और हौसला देखकर सभी लोग तारीफ कर रहे थे. बटेश्वरधाम के ब्रह्मलालजी मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक अजय भदौरिया ने साहसी मोहिनी को सम्मानित किया है. मोहनी के साहस के चर्चे बटेश्वर से आगरा और फिरोजाबाद तक हो रहे हैं.

पिता की मौत के बाद ननिहाल में आई :बटेश्वर निवासी मोहिनी के पिता मोहन गोस्वामी मूलरूप से मथुरा से थे. 10 साल पहले पिता मोहन की मौत हो गई. तब में आठ साल की थी. पिता की मौत के बाद मां अनीता देवी के साथ मोहिनी ननिहाल में आ गई. अनीता देवी बटेश्वर में यमुना किनारे घाट पर पूजन सामग्री बेचती हैं. जीविकोपार्जन के लिए हर सोमवार और त्योहार पर मां अनीता के साथ ही मोहनी भी पूजन सामग्री बेचती है.



मां बोली, बेटी की तैराकी सफल :आरती देवी ने बताया कि बेटी मोहिनी राजकीय कन्या स्कूल में दसवीं की छात्रा है. स्कूल से आने के बाद यमुना के घाट पर पूजा की सामग्री बेचती है. मोहनी को बचपन में तैराकी का जुनून था. बचपन में वह बिना बताए यमुना नदी के घाट पर खड़े होकर दूसरे लोगों की तैराकी देखती थी. दूसरों को देखकर 10 वर्ष की उम्र में उसने यमुना में नहाते-नहाते तैराकी सीखी. जब भी उसे समय मिलता है. तब यमुना नदी में तैराकी करती है. पहले मैंने उसे कई बार रोका भी, फटकारा भी. मगर आज बेटी ने अपनी तैराकी से चार जान बचाई है. आज मोहनी की तैराकी की मेहनत सफल हो गई है. मुझे बेटी पर गर्व है.

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Last Updated : Sep 18, 2024, 1:33 PM IST

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