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कोर्ट के आदेश के बाद भी निजी बीमा कंपनी ने नहीं किया क्लेम का भुगतान, सालों से पैसे के लिए भटक रही पीड़िता - private insurance company

Rajnandgoan District court order: जिला कोर्ट के आदेश के बाद भी निजी बीमा कंपनी ने क्लेम राशि का भुगतान मृतक की पत्नी को नहीं किया. सालों से पीड़िता पैसों के लिए दर-दर भटक रही है.

Rajnandgoan District court order
राजनांदगांव जिला न्यायालय आदेश

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 16, 2024, 8:33 PM IST

निजी बीमा कंपनी ने नहीं किया क्लेम का भुगतान

राजनांदगांव:निजी कंपनी से बीमा के पैसे के लिए एक महिला दर-दर भटक रही है. महिला के पति की मौत साल 2017 में दुर्घटना में हो गई थी. वहीं, पति के मौत के बाद पीड़िता बीमा के पैसे के लिए दर-दर भटक रही है. मामले में जिला न्यायालय ने भी पैसा भुगतान का आदेश जारी कर दिया है. आदेश जारी हुए 7 माह बीत चुके हैं. बावजूद इसके अब तक पीड़िता को भुगतान नहीं हो पाया है.

जानिए पूरा मामला:दरअसल, ये पूरा मामला राजनांदगांव जिले के ग्राम बछेराभांठा का है. यहां रहने वाली एकता साहू के पति जितेन्द्र साहू की हादसे में साल 2017 में मौत हो गई थी. जितेंद्र की मौत के बाद साल 2022 में बीमा करने वाली कंपनी को कोर्ट ने आदेश दिया कि वह मृतक की पत्नी को 8 लाख 93 हजार रुपए क्षतिपूर्ति के तौर पर दे. जिला कोर्ट के आदेश के बाद भी बीमा कंपनी मृतक की पत्नी एकता साहू को ऑफिस के चक्कर कटवाते रहा.इसके बाद एकता साहू ने कोर्ट में बीमा कंपनी की संपत्ति कुर्क करवाने की भी अपील दर्ज की. संपत्ति कुर्क करवाने के मामले में भी कोर्ट ने 7 माह पहले फैसला सुना दिया है. इसके बावजूद अब भी एकता साहू दर-दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर है.अब तक पीड़िता को भुगतान नहीं किया गया है.

7 महीने से मुझे बीमा की क्लेम राशि के लिए घुमाया जा रहा है. कंपनी के सामान की कुर्की और बिक्री के लिए लगातार प्रक्रिया चल रही है. बीमा कंपनी के द्वारा 8 लाख 93 हजार रुपये की अदायगी निकली है, लेकिन राशि अदा नहीं की जा रही है. बीमा कंपनी की ओर से गोल-गोल जवाब देकर मुझे भटकाया जा रहा है. कोर्ट के आदेश पारित होने के बाद भी पीड़िता को रकम नहीं दी जा रही है.- एकता साहू, पीड़िता

जल्द शुरू कर दी जाएगी प्रक्रिया: इस पूरे मामले में बीमा कंपनी के एडीएम उत्तम देवांगन का कहना है कि, "टेक्निकल फॉल्ट होने की वजह से अब तक रकम नहीं दी गई है.7 तारीख को सिस्टम चेंज किया गया है, सिस्टम जैसे ही अपडेट हो जाता है. प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी."

बता दें कि मामले में पीड़िता पिछले कई सालों से अपने ही पैसों के लिए भटक रही है. बीमा का पैसा नहीं मिलने से वो परेशान है. अगर कोई भी शख्स अगर बीमा करवाता है और बाद में पैसों के लिए इतनी जद्दोजहद करना पड़े तो कोई भी बीमा नहीं करवाएगा.

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