देहरादून: पूरे भारत में ऑनलाइन वर्क फ्रॉम होम के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह के सरगना सहित 3 सदस्यों को एसटीएफ की टीम ने गुरुग्राम (हरियाणा) से गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने पूछताछ में अपना नाम शौकीन,सुभाष शर्मा और मुकुल गोधारा बताया है. आरोपियों के कब्जे से 5 मोबाइल फोन, 5 क्रेडिट कार्ड, 9 एटीएम कार्ड और 2 आधार कार्ड बरामद हुए हैं.
अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह के संपर्क में थे सभी आरोपी:आरोपी मोबाइल पर व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए दुबई में बैठे अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह के संपर्क में रहकर उनके इशारे पर भारत में ठगी का काम करते थे. गिरोह द्वारा टेलीग्राम ग्रुप के जरिए Harvey Norman आदि जानी-मानी अलग-अलग विदेशी कंपनियों के अधिकारी और कर्मचारी बताकर अलग-अलग फर्जी वेबसाइटों में रजिस्ट्रेशन करवाया जाता था. इसके बाद टास्क देकर ट्रेडिंग और ट्रेडिंग के लिए खुलवाए गए अकाउंट को रिचार्ज कराने के नाम पर धनराशि जमा कराई जाती थी.
देहरादून की युवती से 21 लाख रुपए की थी ठगी:बता दें कि सरस्वती विहार नेहरु कॉलोनी निवासी महिला ने जून 2024 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में केस दर्ज कराया था, जिसमें बताया गया था कि उसे टेलीग्राम के जरिए 12 मई 2024 को एक मैसेज आया था, जिसमें उसे घर से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया और घर बैठे पैसे कमाने का लालच दिया गया. जिसके बाद वह ग्रुप सदस्यों के बताये अनुसार Harvey Norman नामक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की नामी कंपनी के एक टेलीग्राम ग्रुप में जुड़ गई, जिसका नाम Harvey’s Appliances Crew 1319 था.
ठग फर्जी बेवसाइट पर बनवाते था अकाउंट:इस ग्रुप से उसे एक वेबसाइट https://www.hvnorman-search1.net पर रजिस्ट्रेशन कराकर अकाउंट बनवाया गया, जहां पर वर्क फ्रॉम होम के नाम पर मिले टास्क को वेबसाइट में अपने अकाउंट में जाकर पूरा करना होता था. शुरू में इसके माध्यम से उसे 40 टास्क पूरे करने का लक्ष्य दिया गया था. टास्क पूरे करने पर कंपनी द्वारा उसे 2500 रुपए उसके यूनियन बैंक के अकाउंट पर प्राप्त हो गए. इसके बाद टास्क शुरू होने पर उसे फेडरल बैंक के खाता में 10,500 रुपए जमा करने को कहा गया.
पीड़िता को अधिक लाभ का दिया था लालच:इसके बाद आरोपियों की वेबसाइट पर बने पीडिता के अकाउंट में आरोपियों द्वारा लाभ के साथ उसे 19000 रुपए ट्रांसफर किये गए. ग्रुप में जानकारी दी गई कि यदि आपने अपनी कंपनी में बने अकाउंट को रिचार्ज नहीं किया, तो आपके द्वारा कंपनी में जमा किये गये पैसों के नुकसान के जिम्मेदार आप खुद होंगे, जिस कारण टास्क पूरा करने के लिये इनके कहे अनुसार पीड़िता द्वारा अलग-अलग अकाउंट में अलग-अलग धनराशि जमा की गई.