रायपुर :छत्तीसगढ़ में महादेव एप मामले को लेकर ईडी ने आरोपियों से जेल में पूछताछ की है. शुक्रवार को ईडी की टीम ने रायपुर जेल में बंद पूर्व सीएम भूपेश बघेल के ओएसडी के अलावा एएसआई चंद्रभूषण वर्मा और आरक्षक भीम सिंह से जेल में पूछताछ की है. कोर्ट ने इस मामले में 2 अप्रैल तक पूछताछ की इजाजत दी है. सूत्रों की माने तो ईडी ने इस मामले में सट्टेबाजी को लेकर शामिल लोगों, सट्टेबाजी गिरोह के संरक्षण देने के लिए पैसे लेने वाले लोग और आरोपियों ने किन लोगों को पैसे दिए हैं,इस बारे में पूछताछ की.
एसीबी ईओडब्लू ने महादेव सट्टा मनी लॉन्ड्रिंग में जांच की तेज, ईडी ने जेल में की पूछताछ, आरोपियों से समझी जा रही है क्रोनोलॉजी - Mahadev Satta money laundering Case
महादेव मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला मामले में रायपुर जेल में बंद एएसआई चंद्रभूषण वर्मा और आरक्षक भीम सिंह यादव समेत 9 आरोपियों से शुक्रवार को ईओडब्ल्यू की टीम ने पूछताछ की.Mahadev Satta Money Laundering Case
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Mar 30, 2024, 3:45 PM IST
जेल में आरोपियों से हुई पूछताछ :वहीं ईओडब्ल्यू ने रायपुर, दुर्ग और कांकेर में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है. मिली जानकारी के मुताबिक एसीबी-ईओडब्ल्यू के नए चीफ अमरेश मिश्रा ने ईडी की रिपोर्ट से दर्ज सभी मामलों की जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं. अमरेश मिश्रा ने जांच के लिए अलग-अलग टीमें गठित की हैं. इसमें पुराने अधिकारियों ने भी मदद की ली जा रही है. महादेव सट्टा मामले की जांच डीएसपी सुरेश ध्रुव को सौंपी गई है. उनके साथ कुछ टीआई और एसआई भी हैं. यही टीम पूछताछ के लिए रायपुर जेल पहुंची थी. जेल में सबसे पहले एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, भीम सिंह यादव और कारोबारी सतीश चंद्राकर से पूछताछ की गई है. बाकी आरोपियों से भी पूछताछ की जा चुकी है. जल्द ही उनका बयान दर्ज किया जाएगा.
भ्रष्टाचार की जांच कर रही है ईओडब्ल्यू :ईओडब्ल्यू इस बात की जांच कर रही है कि सट्टेबाजी का नेटवर्क चलाने और सुरक्षा देने के लिए किन अधिकारियों, कर्मचारियों और नेताओं ने पैसे लिए हैं. क्योंकि एएसआई चंद्रभूषण और सतीश चंद्राकर ने कई अधिकारियों और कर्मचारियों को पैसे देने की बात कबूली है. उसने किसके जरिए पैसे ट्रांसफर किए हैं? उन्होंने इसकी जानकारी ईडी को भी दी है. इन सभी से ईडी पूछताछ कर चुकी है. आरोपी के बयान और शिकायत में भी उसका जिक्र है. क्योंकि ईडी का फोकस मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला पर था.