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दिल्ली के अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में ACB ने पूरी की पहले चरण की जांच, जल्द हो सकता है बड़ा एक्शन - ACB investigation in hospitals

Delhi hospitals without licence: दिल्ली के विवेक विहार में बेबी केयर में हुई आग की घटना के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो दिल्ली के अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में जांच कर रही है. जांच का पहला चरण पूरा हो गया है.

लापरवाह अस्पतालों पर जल्द हो सकता है बड़ा एक्शन
लापरवाह अस्पतालों पर जल्द हो सकता है बड़ा एक्शन (SOURCE: FILE PHOTO)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 11, 2024, 11:46 AM IST

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में आग लगने की घटना के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने दिल्ली के सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स की जांच का पहला चरण पूरा कर लिया है. LG वीके सक्सेना के आदेश पर ये जांच की जा रही है.

एसीबी द्वारा शुरू की गई जांच में 62 अस्पतालों और नर्सिंग होम में जांच की गई थी. जिसमें से चार अस्पताल ऐसे पाए गए जिनके पास लाइसेंस नहीं था. वह अवैध रूप से चल रहे थे. इसके अलावा अन्य 40 अस्पताल और नर्सिंग होम में भी अलग-अलग तरह की कई खामियां मिली हैं, जिनको बिंदुवार तरीके से नोट करके रिपोर्ट में संलग्न किया गया है.

सूत्रों के अनुसार पहले चरण की जांच में एसीबी को कई अस्पतालों और नर्सिंग होम में कई तरह के कागज पूरे नहीं मिले हैं.

एसीबी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उसने पहले चरण की जांच के बाद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) जो दिल्ली में निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम को लाइसेंस देने के लिए अधिकृत हैं को लिखा था कि जब भी वह अस्पताल व नर्सिंग होम को लाइसेंस जारी करें तो उनका इंस्पेक्शन कर जानकारी इकट्ठा कर लें.

जांच में एसीबी फिलहाल अस्पताल चलाने के लिए आवश्यक रजिस्ट्रेशन, फायर एनओसी और क्लिनिक या नर्सिंग होम व हॉस्पिटल चलाने के लिए क्या अलग-अलग नियम हैं और उनकी फायर एनओसी से संबंधित क्या नियम हैं, इनका विश्लेषण कर रही है. इसके अलावा इन बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है कि अस्पताल के पास कितने बेड की मान्यता थी और उन्होंने कितने बेड लगाए हुए थे. साथ ही अस्पतालों व नर्सिंग होम में जो स्टाफ रखा गया है वह कितना योग्य और प्रशिक्षित है. क्या वह प्रशिक्षण और डिग्री के नियमों को पूरा करते हैं या उसमें भी कोई झोल है. एसीबी इसकी भी बारीकी से जांच कर रही है.

बता दें 25 मई की रात को विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में लगी भीषण आग में सात बच्चों की जलकर मौत हो गई थी और आसपास के मकानों को भी काफी नुकसान पहुंचा था. घटना ऑक्सीजन सिलेंडर में आग लगने और कई सिलेंडर फटने के कारण हुई थी. पुलिस जांच में पाया गया था कि अस्पताल का लाइसेंस मार्च में ही समाप्त हो गया था. इसके अलावा अस्पताल संचालक डॉक्टर नवीन खींची ने नियमों को धत्ता बताते हुए अस्पताल में एक बीएएमएस डॉक्टर को बच्चों के इलाज के लिए रख रखा था जो कि नियम विरुद्ध था. जबकि नियमों के अनुसार बेबी केयर सेंटर या अन्य अस्पताल नर्सिंग होम में सिर्फ एमबीबीएस और पीडियाट्रिशियन डॉक्टर को ही नवजात बच्चों के इलाज के लिए रखा जा सकता है.

इन इलाकों में चार अस्पताल मिले अवैध
दो अस्पताल पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर और कोंडली इलाके में हैं, जबकि दो अन्य अस्पतालों में से एक पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन और दूसरा दक्षिणी दिल्ली के देवली इलाके में स्थित है. जांच में पता चला है कि इन चार हॉस्पिटलों के पास लाइसेंस नहीं है.

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