नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में शेयर ट्रेडिंग और टेलीग्राम टास्किंग के नाम पर सबसे अधिक साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं. साइबर अपराधियों ने शेयर ट्रेडिंग और आईपीओ में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के रहने वाले कारोबारी से 21 लाख रुपये की ठगी कर ली. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने साइबर अपराध थाने में मुकदमा दर्ज किया है.
अज्ञात नंबर से होता है फ्रॉड: इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के रहने वाले हरि गोविंद रावत के पास अननोन नंबर से कॉल आती है. कॉलर की ओर से शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने पर मोटा रिटर्न दिलाने की बात कही जाती है. जिसके बाद साइबर ठगों की ओर से हरि गोविंद को एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया जाता है. व्हाट्सऐप ग्रुप में पहले से 130 लोग मौजूद होते हैं जो कि शेयर ट्रेडिंग से हो रहे प्रॉफिट के स्क्रीनशॉट ग्रुप में डालते हैं. व्हाट्सऐप ग्रुप में मौजूद एक युवक की ओर से वीडियो कॉल के माध्यम से शेयर ट्रेडिंग और आईपीओ में पैसा इन्वेस्ट करने के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है.
व्हाट्सऐप ग्रुप में कैसे की जाती है ठगी: ट्रेनिंग देने के बाद साइबर ठगों की ओर से लिंक भेजकर एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड कराया जाता है. साइबर ठगों की ओर से विभिन्न खातों में निवेश करने के लिए पैसे ट्रांसफर करवाए जाते हैं. निवेश किए गए पैसे पर फर्जी ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से रिटर्न दर्शाया जाता है. लेकिन जब हरि गोविंद ऐप पैसा निकालने का प्रयास करते हैं तो पैसा नहीं निकल पाता है. जिसके बाद पता चलता है कि उनके साथ ठगी हुई है.
पीड़ित इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. शेयर ट्रेडिंग के माध्यम से फ्रॉड किया गया है जिसके संबंध में साइबर थाने पर अभियोग पंजीकृत किया गया है. ठगी की रकम जिन खातों में गई है उन सभी खातों को फ्रीज करने के लिए संबंधित बैंकों को मेल भेजा गया है. मौजूदा समय में शेयर ट्रेडिंग के माध्यम से साइबर फ्रॉड बहुत तेजी के साथ बढ़ रहा है. किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक करने से बचें.- सच्चिदानंद राय, एडीसीपी क्राइम
फ्रॉड से कैसे बचें
- किसी भी शेयर ट्रेडिंग ऐप पर निवेश करने से पहले अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें कि प्लेटफार्म कहीं फर्जी तो नहीं है. पड़ताल करें कि ब्रोकर सेबी की ओर से वह रजिस्टर्ड हो.
- यदि कोई व्यक्ति फोन कॉल के माध्यम से खुद को स्टॉक ब्रोकर बताता है और मोटा मुनाफा देने का लालच देकर लिंक के माध्यम से ऐप डाउनलोड करने के लिए कहता है तो इस तरह के ऐप बिल्कुल भी डाउनलोड ना करें. पुष्टि करने के बाद ही प्ले स्टोर के माध्यम से ऐप डाउनलोड करें.
- कम समय में मोटा रिटर्न देने का वादा करने वाले अक्सर साइबर फ्रॉडस्टर होते हैं.
- कई बार देखा गया है कि व्हाट्सऐप पर भेजे गए लिंक के माध्यम से मोबाइल में इंस्टॉल किए गए ऐप की ओर से साइबर ठग फोन को हैक कर लेते हैं और फिर खाते से रकम साफ कर जाते हैं.