मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

आदिवासियों का हाथी ताकत फुहाड़ियां, करंजड़ा, किंकोडा चख के देखें, भूल जाएंगे सब्जियों का स्वाद - Aadivasi Healthy Vegetables Power

हम कई ऐसी सब्जियों का सेवन करते हैं जिनमें स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं लेकिन आदिवासी अंचल और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग कुछ खास तरह की सब्जियों का सेवन करते है. ये ऐसी सब्जियां होती हैं जिन्हें सब्जियों की श्रेणी में गिना ही नहीं जाता है. कहते हैं कि यही सब्जियां आदिवासियों की ताकत का राज हैं.

Tribal elephant power vegetables
शक्तिवर्धक हैं ये सब्जियां (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 23, 2024, 12:45 PM IST

Updated : Aug 23, 2024, 12:59 PM IST

रतलाम :आदिवासी जिन सब्जियों का सेवन करते हैं उनमें मिनरल्स और आयुर्वेदिक गुणों की अधिकता रहती हैं. इन सब्जियों के सेवन से ग्रामीण वर्षभर निरोगी और ताकत से भरपूर रहते हैं. यह सब्जियां खेत में उगाई नहीं जाती हैं बल्कि खरपतवार की तरह खेत और खाली पड़ी जगह में अपने आप ऊग जाती हैं. फुंहाड़िया, करंजड़ा और किंकोड़ा ऐसी ही तीन जंगली सब्जियां हैं. जिनका प्रयोग आदिवासी और ग्रामीण अपने भोजन में प्रचुर मात्रा में करते हैं.

इन सब्जियों को खाकर वर्षभर निरोगी रहते हैं आदिवासी (Etv Bharat)

आदिवासियों की ताकत का राज हैं ये सब्जियां

फुहाड़ियां एक प्रकार की खरपतवार है जो खाली पड़ी जगह और खेतों में उग जाती है. इसके पत्तों में गजब के औषधीय गुण मौजूद होते हैं. इसके पत्ते अंडाकार होते हैं और इसमें दुर्लभ किस्म के मिनरल्स मौजूद होते ही हैं. इतना ही नहीं यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही मोटापा और जोड़ों का दर्द काम करने का काम भी करती है. आदिवासी किसान प्रेम सिंह गामड़ कहते हैं, '' इसके पत्तों को उबाल कर पालक और मैथी की तरह इसकी सब्जी बनाई जाती है, जिससे गजब की ताकत मिलती है.''

आयरन से भरपूर है करंजड़ा

करंजड़ा भी एक प्रकार की खरपतवार है जो सोयाबीन की फसल में बहुत मात्रा में उगता है. इसके चौड़े और गोल पत्तों में आयरन बड़ी मात्रा में होता है. सेमलिया गांव के बुजुर्ग किसान बद्रीलाल जरांधला कहते हैं, '' इस पौधे में कृमि नाशक तत्व भी होते हैं जिससे पेट के कीड़ों की समस्या में राहत मिलती है. पेट संबंधी अन्य रोगों में भी करंजड़ा कारगर औषधि है. इसके पत्तों को तोड़कर पालक और मैथी की तरह ही सब्जी बनाई जाती है. जिसका सेवन ग्रामीण अंचलों में बड़ी मात्रा में लोग करते हैं.''

आदिवासियों की ताकत का राज (Etv Bharat)

किंकोड़ा की जबर्दस्त डिमांड

किंकोडा एक बेल वर्गीय सब्जी है, जिसके कांटेदार फलों को सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. आदिवासी अंचल और ग्रामीण क्षेत्र के अलावा अब शहरों में भी इसकी डिमांड जमकर है. अब यह सब्जी गुमनाम नहीं है बल्कि 150 से ₹200 प्रति किलो में ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध है. इसे प्याज लहसुन के साथ मसाला तैयार कर बनाया जाता है. जो खाने में स्वादिष्ट होती है. यह आयरन और मिनरल्स से भरपूर भी होती है, जिसे खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

Read more -

आसमान छूएंगे अब हरी सब्जियों के दाम, बिगड़ेगा जायका, जानिए क्या है वजह?


भले ही इन सब्जियों के नाम अजीबोगरीब हों लेकिन स्वाद और औषधिय गुणों के मामले में यह सब्जियां आदिवासी अंचल और ग्रामीण क्षेत्र में मशहूर है. खास करके आदिवासी लोग बारिश के मौसम में इन सब्जियों को खाकर निरोगी रहते हैं और वायरल व मौसमी बीमारियों से भी बचे रहते है.

Last Updated : Aug 23, 2024, 12:59 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details