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जयपुर पहुंचा नेपाल का प्रतिनिधिमंडल, कहा - भारत और नेपाल के सामने क्लाइमेट चेंज की विषमता एक जैसी - DIALOGUE ON CLIMATE CHANGE

जयपुर में 'जलवायु परिवर्तन के वैश्विक प्रभाव' विषय पर भारत और नेपाल के प्रतिनिधिमंडल के साथ संवाद कार्यक्रम हुआ.

Dialogue on Climate Change
भारत और नेपाल के बीच जलवायु परिवर्तन पर चर्चा (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 11, 2025, 9:42 PM IST

जयपुर:भारत और नेपाल के सामने क्लाइमेट चेंज की विषमता एक जैसी है. इस पर सरकार के साथ-साथ आम जनता को भी काम करना होगा. ये कहना है जयपुर पहुंचे नेपाल के पुतलीबाजार म्युनिसिपालिटी के मेयर तुलसीराम रेगमी का. शनिवार को जलवायु परिवर्तन के वैश्विक प्रभाव पर मंथन में हिस्सा लेने के लिए नेपाल से प्रतिनिधिमंडल जयपुर पहुंचा. इस दौरान पेड़ लगाने, पानी बचाने और सस्टेनेबल प्रेक्टिस फॉलो करने को क्लाइमेट चेंज का समाधान बताया.

राजस्थान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स में शनिवार को 'जलवायु परिवर्तन के वैश्विक प्रभाव' पर मंथन किया गया. इसमें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के साथ ही समाधान भी बताए गए. इस दौरान मौजूद रहे नेपाल के पुतलीबाजार म्युनिसिपलिटी के महापौर तुलसी राम रेगमी ने कहा कि भारत और नेपाल के समक्ष जलवायु परिवर्तन की विषमता लगभग एक जैसी है. इस विषय में सरकार तो अपना काम कर ही रही है, लेकिन आम जन को भी पर्यावरण संरक्षण का काम करना चाहिए. सरकार के साथ मिलकर और सब को सहमति से पर्यावरण बचाने का प्रयास करना चाहिए.

'जलवायु परिवर्तन के वैश्विक प्रभाव' विषय पर संवाद (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

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मुख्या वक्ता के रूप में मौजूद रहे पूर्व आईपीएस बीएल सोनी ने कहा कि हम सब को इस समस्या से उबरने के लिए सस्टेनेबल प्रेक्टिस फॉलो करनी चाहिए. हम ग्लोबल वार्मिंग के चलते विलुप्ति के कगार पर हैं. अब हमारे लिए इसका समाधान सोचना बहुत जरूरी है. जलवायु परिवर्तन में नुकसान में भागी न बने. उसकी जगह पेड़ लगाएं, पानी बचाव और सस्टेनेबल प्रैक्टिस को फॉलो करे. साथ ही अपने जीवन को प्रकृति से जोड़े रखना और सभी की मदद करना मानव जीवन का मकसद बना लेना चाहिए.

पर्यावरण सुरक्षित तो कल हम सुरक्षित:कार्यक्रम के संयोजक पर्यावरणविद् सूरज सोनी ने कहा कि विनाश से बचने का सबसे बड़ा रास्ता कल की चिंता है. आज पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तो कल हम सुरक्षित होंगे. उन्होंने कहा कि जुलाई तक विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को बुलाकर इसी तरह क्लाइमेट चेंज पर मंथन किया जाएगा और जो समाधान निकलेंगे, उसे राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा.

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