पलामू: लोकसभा चुनाव 2024 में नक्सल इलाकों में कई बदलाव लेकर सामने आया है. बूढापहाड़ से जुड़े हुए गढ़वा के हेसातू के इलाके में 30 वर्षो के बाद बाद मतदान केंद्र बनाया गया था जहां 70 प्रतिशत से भी अधिक वोटिंग हुई है. बूढ़ापहाड़ का एक बड़ा इलाका गढ़वा जबकि एक बड़ा हिस्सा लातेहार जिला में पड़ता है. हेसातू की तरह ही लातेहार के इलाके में आधा दर्जन से भी अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं जहां कई दशकों के बाद वोटिंग होनी है.
हालांकि, बूढ़ापहाड़ से सटे हुए करीब 44 इलाकों के मतदान केंद्र को रीलोकेट किया गया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन इलाकों में मतदान करवाना एक चुनौती है. पहले ग्रामीणों को वोटिंग करने के लिए 15 से 20 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ा था. इस बार यह दूरी खत्म हो गई है और गांव के नजदीक मतदान केंद्र बनाए गए हैं. यह पूरा इलाका चतरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. जहां 20 मई को मतदान होना है.
बूढापहाड़ से सटे हुए इलाकों में 40 कंपनी से अधिक सुरक्षाबलों को किया गया है तैनात
बूढ़ापहाड़ से सटे हुए इलाकों में वोटिंग को लेकर 40 कंपनी से भी अधिक सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. बूढ़ापहाड़ इलाके में तीन दर्जन के करीब सुरक्षा बलों के कैंप भी मौजूद हैं. बूढ़ापहाड़ के कोर एरिया में कई दशक के बाद मतदान कर्मी पहुंच रहे हैं. शनिवार को हेलीकॉप्टर के माध्यम से इलाके में मतदान कर्मियों को भेजा गया है.
"पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों के तैनाती की गई है, बूढ़ापहाड़ इलाके में वोट देने को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह है. गढ़वा के हिसातू के इलाके में मतदान प्रतिशत काफी अच्छा रहा था, हेसातू की तरह ही अन्य इलाके के ग्रामीण उत्साहित हैं "- वाईएस रमेश , डीआईजी, पलामू
बूढ़ापहाड़ का इलाका माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर रहा है. सितंबर 2022 में माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑक्टोपस शुरू किया गया था, जनवरी 2023 में बूढ़ापहाड़ पर सुरक्षाबलों का कब्जा हो गया था. इलाके में पहली बार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस झंडोतोलन हुआ था. अब पहली बार इलाके में मतदान कर्मी दाखिल हो रहे हैं.
"चुनाव को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है और इलाके में जवानों के तैनाती की गई है. "- अंजनी अंजन , एसपी लातेहार