पटना : पटना के गांधी मैदान में चल रहा पटना पुस्तक मेला भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन एक किताब ने लोगों को सहसा ही अपनी ओर आकर्षित किया. जिसके कवर पेज पर टाइटल लिखा था 'महंगी कविता'.
एक पुस्तक 'महंगी कविता' : भारतीय मूल के यूरोपीय लेखक 'ओमा द अक' कि यह पुस्तक दिखी, जिसका नाम था 'महंगी कविता'. पटना पुस्तक मेला के वाणी प्रकाशन के स्टॉल पर यह पुस्तक उपलब्ध थी. पुस्तक मेला में पहुंचने वाले पाठक एक नजर इस पुस्तक को जरुर देख रहे थे.
₹25000 की एक किताब : लाल रंग की मुलायम जिल्द और पुस्तक के बाहरी भाग पर सोने की पॉलिश लोगों को अपनी ओर खींच रहा था. आकर्षण की प्रमुख वजह रही इस पुस्तक की कीमत. कविताओं के संग्रह की यह पुस्तक ₹25000 की है. लगभग 200 से अधिक विभिन्न विषयों पर यह कविताओं का संग्रह है.
किताब पर सोने की परत : 352 पृष्ठ की इस किताब का रंग लाल है. इसमें शहरीकरण, दीपावली, मां-पिता, प्यार समेत अलग अलग विषयों पर कविताएं लिखी हुई हैं. इसके सभी पन्ने सोने का आवरण ओढ़े हुए हैं. इसका मतलब यह हुआ कि इस किताब पर सोने की परत चढ़ाई गई है. इसके कवर को मखमली बनाया गया है. इसीलिए इसकी कीमत 25 हजार रुपए रखी गई है.
'मेरी कविताएं बहुत महंगी हैं जैसे..' : महंगी कविता के लेखक ओमा द अक ने अपनी इस किताब के पहले चैप्टर में ही यह बताया है कि आखिर उनकी कविताएं इतनी महंगी क्यों है. उन्होंने लिखा है- ''मेरी कविताएं बहुत महंगी हैं, जैसे महंगी है प्रेमी की नींद, धनिक की स्वतंत्रता, निर्धन की आवश्यकता, रोगी की जीवटता, भोगी की भक्ति, योगी की शक्ति, उपवन का भाग, क्रांति की आग…''
'विभिन्न विषयों पर गहरी महत्व की कविताएं' : वाणी प्रकाशन स्टॉल पर मौजूद प्रकाशक संस्थान के प्रतिनिधि राकेश सिन्हा ने बताया कि भारतीय मूल के यूरोपीय लेखक 'ओमा द अक' कि यह लिखित पुस्तक है, जो डेनमार्क में रहते हैं. इस पुस्तक के बाहरी आवरण पर सोने की पॉलिश है, इस पुस्तक में दीपावली, क्रांति, शांति, जैसे विभिन्न विषयों पर गहरी महत्व की कविताएं हैं.