मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में फर्जी सर्टिफिकेटलगाकर पिछले 10 से 12 सालों से पढ़ा रहे गुरुजी निगरानी विभाग की रडार पर हैं. इस मामले में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के इंस्पेक्टर उपेन्द्र कुमार ने मुजफ्फरपुर के विभिन्न प्रखंडों में फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर बढ़ा रहे शिक्षकों पर केस दर्ज कराया है.
9 शिक्षकों पर केस दर्ज: इस केस में मुजफ्फरपुर के सरैया प्रखंड के 6, गायघाट के दो और कटरा के एक शिक्षक का नाम शामिल है. सभी पर यह आरोप है कि करीब 10 से 12 वर्षों से नौकरी कर रहे हैं और सरकार का लाखों रुपए वेतन उठा रहे हैं. निगरानी विभाग के सूत्रों की मानें तो नियोजन इकाई की भी इस फर्जीवाड़े के खेल में संलिप्तता हो सकती है.
विजिलेंस विभाग की कार्रवाई: निगरानी के इंस्पेक्टर उपेंद्र कुमार ने बताया कि बड़े पैमाने पर शिक्षकों के द्वारा असम के गुवाहाटी स्थित SCERT संस्थान के शिक्षक प्रशिक्षण सर्टिफिकेट जारी किया गया. सिर्फ यह 10 शिक्षकों का सर्टिफिकेट जांच में ऐसा खुलासा हुआ है. आने वाले पूर्व के लगभग 50 से अधिक के शिक्षक जांच के दायरे में हैं, जिनका सर्टिफिकेट इस संस्थान से जुड़ा है.
इन शिक्षकों ने किया फ्रॉड: आपको बता दें कि सरैया प्रखंड के बाघ नगरी उत्क्रमित मध्य विद्यालय बालक की शिक्षिका प्रीति कुमारी, मनोरंजन कुमार, तुरकौलिया उत्क्रमित मध्य विद्यालय में उर्दू के शिक्षक अनवर उल हक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बीरपुर की शिक्षिका रिंकी कुमारी, वंदना कुमारी और उत्क्रमित मध्य विद्यालय राघव छपरा के शिक्षक अरविंद कुमार पर सरिया थाने में केस दर्ज कराया गया है.