शिमला:हिमाचल में युवाओं को घर द्वार पर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं. इसके लिए सरकार मदद भी कर रही है. यहां बात हो रही है मछली पालन की. मछली पालन के लिए प्रदेश सरकार किसानों को तालाब निर्माण के लिए 80 फीसदी तक अनुदान दे रही है.
इसके तहत सामान्य श्रेणियों के किसानों को 14 हेक्टेयर क्षेत्र में तालाब निर्माण के लिए 1.38 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसके अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 6 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में तालाब निर्माण के लिए 59.52 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि जल्द ही जारी की जाएगी.
इस योजना के अंतर्गत किसान अधिकतम एक हेक्टेयर भूमि पर तालाब बना सकते हैं, जिसमें तालाब का आकार न्यूनतम 500 वर्ग मीटर होगा. 500 वर्ग मीटर तालाब निर्माण के लिए 49,600 रुपये और एक हेक्टेयर तालाब निर्माण के लिए 9.92 लाख रुपये का प्रावधान है.
यहां आठ जिलों में चल रही योजना
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा मछली पालन की यह योजना प्रदेश के आठ जिलों बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, चंबा और ऊना में चल रही हैं. इन तालाबों में रोहू, कटला, मृगल, कॉमन कार्प और ग्रास कार्प का पालन किया जा रहा है जिनका बाजार मूल्य अन्य प्रजातियों की तुलना में अधिक है.
मछुआरे एक हेक्टेयर तालाब में मछली पालन करके 10.50 लाख रुपये का लाभ अर्जित कर सकते हैं. वहीं 500 वर्ग मीटर की सबसे छोटी इकाई से भी 50 हजार रुपये तक का आर्थिक लाभ हो सकता है. सीएम सुक्खू ने बताया कि प्रदेश में कार्प मछली उत्पादन पिछले वर्ष के 6,767.11 मीट्रिक टन की तुलना में बढ़कर 7,367.03 मीट्रिक टन हो गया है.
वर्तमान में करीब 2600 मछुआरे कार्प मछली पालन का कार्य कर रहे हैं. प्रदेश सरकार मछुआरों को उच्च गुणवत्ता वाली मछली के बीज उपलब्ध करवा रही है. प्रदेश में सात सरकारी कार्प मछली फार्म स्थापित किए गए हैं. प्रदेश मात्स्यिकी विभाग किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले मछली के बीज उपलब्ध करवाने के लिए अनेक कदम उठा रहा है.