कुल्लू:हिमाचल के नदी नाले भी सेलानियो को आकर्षित कर रहे हैं. इन नदी नालों का आकर्षण सेलानियो की जान पर भारी पड़ रहा है. जिला कुल्लू में भी नदी नालों के किनारे जाना सेलानियो के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. सैलानी फोटोग्राफी के लिए नदी नालों का रुख कर रहे हैं और नदी नालों का तेज बहाव उनकी जान को खतरे में डाल रहा है. ऐसे में जिला कुल्लू के पर्यटन स्थलों पर आए दिन सैलानियो के साथ हादसे भी हो रहे हैं और उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है.
जिला कुल्लू में एक महीने में ही सैलानियों के साथ पांच हादसे हो चुके हैं और सात लोग जान से हाथ धो चुके हैं. इसमें चार महिलाएं और 3 युवक शामिल हैं. हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से नदी नालों के किनारे चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं, लेकिन सैलानी लगातार चेतावनी बोर्ड को भी अनदेखी कर रहे हैं. सैलानी कुल्लू में बहने वाली ब्यास और अन्य नदी नालों के पास जाकर पत्थरों पर फोटो खिंचवाते या सेल्फी लेते वक्त हादसों का शिकार हो रहे हैं.
फोटो लेते समय मध्यप्र देश की युवती की मौत
26 मई को मध्य प्रदेश की एक युवती फोटो लेते समय फिसलकर ब्यास में जा गिरी. उसे बचाने के लिए नदी में कूदा एक युवक भी बह गया था. वहीं, 29 मई को पार्वती नदी में गुजरात का एक युवक फिसल कर बह गया. उसकी भी नदी में बहने से मौत हो गई. वही, 3 जून को मनाली के समीप ही ब्यास नदी किनारे 2 महिलाएं (ननद और भाभी) फोटो खिचवा रहीं थी. दोनो का पैर फिसला और पानी में बह गईं. दोनो महिलाएं बागपत उत्तर प्रदेश की रहने वाली थीं.
आईटीआई के प्रशिक्षु की भी हुई थी मौत
अब 26 जून देर शाम को मणिकर्ण के पास ही पार्वती नदी में एक महिला फोटो खींचने के चक्कर में नदी में जा गिरी और उसकी मौत हो गई है. उसका शव करीब दो किलोमीटर दूर सुमारोपा के पास पुलिस टीम ने बरामद किया हैं. वही, 19 जून को सैंज में नदी में नहा रहे आईटीआई के एक प्रशिक्षु की भी पानी में डूबने से मौत हो गई थी.
14 साल में अब तक 150 लोग हो चुके हैं हादसे का शिकार
जिला कुल्लू की अगर बात करें तो यहां पर बीते 14 साल में 150 लोगों की नदी में बहने से मौत हुई है, जिनमें सैलानियों के साथ साथ स्थानीय लोग भी शामिल हैं. इनमें कुछ सैलानी नदी नालों के किनारे फोटोग्राफी कर रहे थे तो कुछ रिवर राफ्टिंग के दौरान हादसे का शिकार हुए हैं. ऐसे में ब्यास नदी की धारा सैलानियों के लिए खतरनाक साबित हो रही है. हालांकि जिला प्रशासन ने नदी नाले किनारों पर जगह-जगह पर साइन बोर्ड लगाए हैं, ताकि नदी किनारे जाने से बचा जा सके, लेकिन सैलानी इन नियमों को अनदेखा कर रहे हैं.
नियमों की अवहेलना करने पर 5 हजार जुर्माना और 8 दिन की कैद
प्रशासन ने सैलानियों से नदी-नालों की और न जाने की अपील की है. इसके लिए सूचना बोर्ड भी लगाए गए हैं. पुलिस को भी हिदायत दी गई है कि पर्यटकों की नदी-नालों की और न जाने दें. जिला प्रशासन ने जिला कुल्लू की संवेदनशील जगहों पर चेतावनी चोर्ड लगाए हैं. जिला प्रशासन ने नदी में पर्यटकों के उतरने पर 5,000 रुपये का जुर्माना और आठ दिन कैद की सजा के आदेश दिए हैं. फिर भी इस तरह की घटनाएं रुक ही नहीं रही हैं.
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