जयपुर : 7 नए विधायकों की शपथ के साथ ही राजस्थान विधानसभा में अब संख्या बल के आधार पर भारतीय जनता पार्टी के एमएलए की संख्या 119 पहुंच गई है. इस बार सदन में कमल के निशान पर जीतकर आने वाले विधायकों में खींवसर से रेवंतराम डागा, झुंझुनूं से राजेन्द्र भांभू, रामगढ़ से सुखवंत सिंह, सलूंबर से शांता देवी और देवली-उनियारा से राजेंद्र गुर्जर शामिल रहे. इन पांच विधायकों के आने से बीजेपी जहां 114 से आगे बढ़ी. वहीं, कांग्रेस महज दौसा की जीत को कायम रख सकी तो रामगढ़, झुंझुनू के साथ-साथ देवली-उनियारा को हार गई. इस तरह से तीन सीटों के नुकसान के साथ कांग्रेस 69 से 66 पर रह गई.
क्षेत्रीय दलों की बदली तस्वीर :इस उपचुनाव में सबसे बड़ा फायदा भारतीय आदिवासी पार्टी को हुआ है जो अब विधानसभा में प्रतिपक्ष के रूप में दूसरा बड़ा दल है. सदन में बाप के विधायकों की संख्या 4 हो गई है. चौरासी में जीते अनिल कटारा के अलावा बीएपी के विधायकों में डूंगरपुर के आसपुर, बांसवाड़ा के बागीदौरा और प्रतापगढ़ की धरियावद सीट से विधायक हैं. यही कारण है कि बाप ने अपने इरादे साफ करते हुए भील प्रदेश की मांग को भी मुखर कर दिया है.