कुचामनसिटी: विश्वविख्यात सांभर झील में इन दिनों बॉटलिज्म बैक्टीरिया के कारण हो रही पक्षियों की मृत्यु को लेकर प्रशासन और नमक उत्पादनकर्ता काफी चिंतिंत है. प्रशासन ने झील क्षेत्र से मृत पक्षियों को बाहर निकालकर उनका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया. बीमार पक्षियों को रेस्क्यू सेंटर भेजकर उनका उपचार करवाया गया. झील में अब तक 621 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जबकि 235 पक्षियों को बचा लिया गया है.
जिला कलेक्टर पुखराज सैनी ने बताया कि घायल पक्षियों का इलाज करने पर 38 पक्षी स्वस्थ हो गए. जिन्हें बुधवार को सांभर झील में छोड़ा गया. जिला कलेक्टर कहा कि सर्वप्रथम जो मृतक पक्षी हैं, प्राथमिकता से वहां से उठाया जा रहा है. उनको कहीं दूर ले जाकर जलाकर दवाई छिटकी जा रही है , क्योंकि मृतक पक्षी के खूब सारे कीड़े लग जाते हैं और उन कीड़ों से अन्य पक्षीयो के मरने की संभावना रहती है. उन्होंने कहा कि जो पक्षी घायल हैं, उनका उपचार कराया जा रहा है. पास में वन विभाग का एक कार्यालय है जहां घायल पक्षियों को रखा जा रहा है. मृतक पक्षी के कारण ही दूसरे पक्षी के बीमारी फैलने का खतरा रहता है, जिसे रोकने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. वहीं, उपखंड अधिकारी जीतू कुलहरी ने बताया कि बुधवार तक कुल 621 पक्षियों की मृत्यु हो चुकी थी. इनमें से 111 पक्षियों की उपचार के दौरान मृत्यु हुई. वर्तमान में रेस्क्यू सेन्टर पर इलाजरत पक्षियों की संख्या 50 है. सांभर झील क्षेत्र नावां से समस्त टीमों ने 19 मृत पक्षियों का निस्तारण किया एवं अब तक 235 असहाय परिंदों को रेस्क्यू किया गया है.