पटना:शुक्रवार कोपटना विश्वविद्यालयके जयप्रकाश नारायण अनुषद सभागार में विश्वविद्यालय के सीनेट का बैठक संपन्न हुआ. इस बैठक की अध्यक्षता राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने की. इस बैठक में आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए 495.71 करोड़ की राशि का बजट पास हुआ. इसमें 39.83 करोड़ विश्वविद्यालय के आय मद से रहा और 455.88 करोड़ की राशि के घाटे का यह बजट रहा, जो राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध की जाएगी. बैठक में विश्वविद्यालय के शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सीनेट सदस्यों ने अपने सुझाव दिए.
200 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित: इस बैठक में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार ने विश्वविद्यालय में चल रही शैक्षणिक गतिविधियों से कुलाधिपति को अवगत कराया. विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने बताया कि कैसे शिक्षकों की कमी के कारण 212 गेस्ट फैकल्टी से काम लिया जा रहा है. विश्वविद्यालय में शिक्षकों के सृजित पद 900 से अधिक है, जबकि स्थाई शिक्षक विश्वविद्यालय में 300 के करीब हैं. विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अजय कुमार ने विश्वविद्यालय में शोध को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को बताया और जानकारी दी की 200 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं.
विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी:विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि यह सीनेट बैठक विश्वविद्यालय के वित्तीय बजट को लेकर बुलाई गई थी. सीनेट सदस्यों ने विश्वविद्यालय के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए हैं. विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी पर उन्होंने कहा कि शिक्षकों के कमी के आधार पर पद भरे जा रहे हैं लेकिन बावजूद इसके शिक्षकों की कमी रह जाएगी. ऐसा इसलिए कि यह वैकेंसी 2020 में आई थी और 4 साल में कई शिक्षक रिटायर हुए हैं.
रिसर्च स्कॉलर को ₹8000 देने की मांग:सीनेट की बैठक में भाग लेने वाले पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के कोषाध्यक्ष रविकांत ने बताया कि उन्होंने बैठक में एमएड कोर्स की फीस में तीन गुणा बढ़ोतरी का विरोध किए हैं और इस काम करने का आग्रह किया है. इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर में रेलवे टिकट काउंटर खोले जाने, सीएसआर को लागू करने के लिए कमेटी बनाने और रिसर्च स्कॉलर को फेलोशिप के लिए ₹8000 की सहायता राशि प्रदान करने का आग्रह किया है.
"विश्वविद्यालय परिसर में चल रहे अन्य सरकारी भवनों के निर्माण को बंद कराने की हमने मांग की है. इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर के अतिक्रमण को हटाने, बीआर अंबेडकर की मूर्ति लगाने, शैक्षणिक फीस बढ़ोतरी को कम करने और शोध पर बल देने के लिए शिक्षकों की कमी को दूर करने की भी मांग की गई है."- विपुल कुमार, महासचिव, पीयू छात्र संघ