गया: बिहार के गया में एक स्कूल को नक्सलियों ने साल 2020 में डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया था. इस सरकारी स्कूल का मलबा आज भी जस का तस पड़ा है. बड़ी बात है, यह है कि यहां मतदान केंद्र भी बनता है. 2020 में विधानसभा और फिर पंचायत चुनाव का मतदान यहां किया गया था. अब लोकसभा चुनाव 2024 के तहत इसी स्कूल में बूथ बनेगा और वोट डाले जाएंगे.
नक्सलियों ने डायनामाइट से उड़या: गया का यह सरकारी स्कूल बांकेबाजार प्रखंड अंतर्गत सोनदाहा गांव में स्थित है. बताया जाता है कि सोनदाहा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में सीआरपीएफ का अस्थाई कैंप था. 6 फरवरी 2020 को विद्यालय में रेह रहा अस्थाई कैंप खाली हुआ था और अपने नए भवन में शिफ्ट हो गया था. सुरक्षाबलों का कैंप होने के कारण इस सरकारी विद्यालय को नक्सली संगठन ने टारगेट पर रखा था. जैसे ही कैंप खाली हुआ, वैसे ही चंद दिनों के बाद 20 फरवरी 2020 को नक्सलियों ने इस विद्यालय को टारगेट किया और डायनामाइट ब्लास्ट कर उड़ा दिया.
घटना के 4 साल बाद भी नहीं बदली विद्यालय की सूरत: घटना के 4 साल होने को है, लेकिन इस विद्यालय की सूरत नहीं बदली. हालांकि पुलिस कैंप खाली होने और नक्सलियों द्वारा उड़ाए गए इस विद्यालय के क्षतिग्रस्त भवन में ही मतदान केंद्र बनाए गए. 2020 में चुनाव हुआ, तो काफी संख्या में लोगों ने मतदान किया. वोट प्रतिशत भी काफी अच्छा रहा. उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोनदाहा में विधानसभा और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुआ, जिसमें वोटिंग काफी अच्छी हुई.
बार-बार याद दिलाता है नक्सलियों की करतूत:स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां इस बार भी लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान केंद्र बनाए जाने हैं. इस विद्यालय को डायनामाइट लगाकर नक्सलियों द्वारा ब्लास्ट कर उड़ा दिया गया था, इसमें मतदान केंद्र बनाया जाता है. विद्यालय के पास पड़े मलबे से होकर लोग वोट देने के लिए पहुंचते हैं. ग्रामीण बताते हैं कि नक्सली घटना के बाद मलबे को नहीं हटाया गया. बड़े पैमाने पर आज भी मलबा पड़ा हुआ है. दूसरी बात कि स्कूल को बनाने की भी पहल नहीं हुई, जिसके कारण पढ़ाई बाधित हो रही है और बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं.
दूसरे गांव शिक्षा लेने जाते हैं बच्चे: सोनदाहा गांंव के ग्रामीण वीरेंद्र यादव बताते हैं, कि नक्सलियों ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोनदाहा को डायनामाइट ब्लास्ट कर उड़ा दिया था. इसमें पुलिस कैंप था, पुलिस कैंप जैसे ही खाली हुआ, वैसे ही कुछ दिनों के बाद विद्यालय को उड़ा दिया गया. नक्सली घटना के बाद आज तक मलबा नहीं हटाया गया. विद्यालय को बनाने की पहल भी नहीं की गई. सोनदाहा गांव में सैकड़ो घरों की बस्ती है, लेकिन यहां स्कूल नहीं है.