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2024 में 1.80 लाख लोगों ने सड़क हादसों में गंवाई जान, उत्तराखंड में भी रोजाना हुये 4 एक्सीडेंट, हैरान करने वाले हैं आंकड़े - ROAD SAFETY MONTH 2025

सड़क हादसे में कमी लाने के लिए राजधानी देहरादून में 38वें सड़क सुरक्षा माह का आयोजन किया गया है.

ROAD SAFETY MONTH 2025
2024 में 1.80 लाख लोगों ने सड़क हादसों में गंवाई जान (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 3, 2025, 5:41 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार तीन फरवरी से 38वें सड़क सुरक्षा माह का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने आम जनता को यातायात नियमों के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान पुलिस ने सड़क हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के कुछ आंकड़े भी बताए, जो हैरान करने वाले है.

सड़क सुरक्षा माह के दौरान युवाओं पर रहेगा विशेष फोकस: 38वें सड़क सुरक्षा माह में सबसे ज्यादा फोक्स युवाओं पर रहेगा. नुक्कड नाटकों और अन्य माध्यमों से आम जनता को यातायात के नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगाय इस साल सड़क सुरक्षा माह की थीम“ युवाओं के मध्य जागरुकता ”रखी गयी है.

इस इलाकों से गुजरी जागरुकता रैली: जागरुकता रैली में जनपद देहरादून के नगर क्षेत्र के सभी थानों की 20 चीता मोबाइल, सीपीयू हॉक यूनिट सहित 40 मोटर साइकिल और 03 इंटरसेप्टर वाहन शमिल किए गए है. बाइक रैली पुलिस लाइन रेसकोर्स से शुरू होकर आराघर, टी जंक्शन से आराघर, सर्वे चौक, बेनी बाजार, बहल चौक और ग्लोब चौक होते हुए घंटाघर व घंटाघर से दर्शनलाल चौक, बुद्धा चौक, रेसकोर्स चौक होते हुए वापस पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में समाप्त हुई.

कार्यक्रम के दौरान पुलिस ने 180 मॉडिफाइड साइलेंसरों, जिन्हें चैकिंग के दौरान सीपीयू और यातायात पुलिस द्वारा चालानी कार्रवाही कर वाहनों से उतरवाया गया था. उनको रोड रोलर के माध्यम से नष्ट किया गया.

35वें सड़क सुरक्षा माह:

  • साल 2025 के अन्तर्गत दून पुलिस ने तीन फरवरी से 15 फरवरी के बीच कार्यक्रम आयोजित किए जाएगा.
  • इस दौरान अलग-अलग स्कूलों, विद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं को कार्यशाला, लेक्चर के माध्यम से सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक किया जाएगा.
  • छात्र- छात्राओं को mybharat-gov-in पोर्टल पर ऑनलाइन प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • सार्वजनिक स्थानों पर सड़क सुरक्षा जागरुकता सम्बन्धी बैनर और पोस्टर आदि का प्रदर्शन. ओवर स्पीड,बिना हेलमेट, सीट बैल्ट वाहन संचालन करने वाले चालकों और सह चालकों के खिलाफ विशेष चेकिंग अभियान.

एसएसपी अजय सिंह ने बतायाकि

  1. भारत में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है.
  2. साल 2024 में भारत में घटित सड़क दुर्घटनाओं में 1.80 लाख लोगों की मृत्यु हुई, इनमें से लगभग 30 हज़ार मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं.
  3. सडक दुर्घटनाओं में हुई मौतों में 66 प्रतिशत मृतक 18 से 34 साल की आयु वर्ग के थे.
  4. इसी प्रकार उत्तराखंड में भी सड़क दुर्घटना में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है.
  5. विशेषज्ञों के अनुसार,लगभग 90 प्रतिशत दुर्घटनाएं मानवीय लापरवाही के कारण होती हैं,
  6. जिनमें रैश ड्राइविंग, ओवरस्पीडिंग, गलत दिशा में वाहन चलाना, गलत तरीके से ओवरटेक करना, ओवरलोडिंग, और शराब पीकर गाड़ी चलाना प्रमुख कारण हैं.
  7. उत्तराखंड में हुई सडक दुर्घटनाओं के आंकडो के अनुसार यहां प्रतिदिन चार दुर्घटनाओं में तीन व्यक्तियों की मृत्यु और पांच घायल होते हैं.
  8. सड़क दुर्घटनाओं की संख्या के आधार पर उत्तराखंड देश में 23 वें स्थान पर है.
  9. उत्तराखण्ड में लगभग 80 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं चार जनपदों (देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल) में होती है, जिनमें लगभग 67 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं में मृत व्यक्तियों की आयु 18 से 45 वर्ष होती है.

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