लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगभग 38 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं. इस बात की जानकारी सरकार के श्रम मंत्रालय की ओर से बुधवार को विधान परिषद में दी गई. सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि इतनी बड़ी संख्या में पंजीकृत बेरोजगार होने के बावजूद बेरोजगारी भत्ते जैसी कोई व्यवस्था नहीं की जाएगी. इन बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने की कोई व्यवस्था एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज की ओर से भी नहीं की जाएगी. जिसको लेकर समाजवादी पार्टी ने जबरदस्त विरोध किया. समाजवादी पार्टी की ओर से उन सरकारी नौकरियों की भर्ती संबंधित सूची जारी की है, जो लंबे समय से लंबित है.
सपा एमएलसी के सवाल पर श्रम मंत्री ने दिया जवाबःविधान परिषद सदन में बुधवार को प्रश्न काल में समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने पूछा था कि उत्तर प्रदेश श्रम एवं सेवायोजन मंत्रालय के एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से बेरोजगारों को क्या सरकारी नौकरी दी जाती है. अगर दी जाती है तो अब तक कितनी दी गई. उत्तर प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या क्या है. क्या इन बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की कोई योजना है. इसके जवाब में श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सेवायोजन कार्यालय में 373100069 बेरोजगारों को पंजीकृत किया गया है. विभाग की ओर से सरकारी नौकरी उपलब्ध कराए जाने का कोई प्रावधान नहीं है. न ही कोई बेरोजगारी भत्ता दिए जाने की योजना है.
युवाओं को सरकार कर रही गुमराहःइस जवाब के बाद समाजवादी पार्टी के विधायक आक्रोशित हो गए. आशुतोष सिन्हा ने कहा कि पहले तो मैं ये कहना चाहूंगा कि श्रम मंत्री सदन को पूरी तरह से गुमराह कर रहे हैं. मेरे प्रश्न के जवाब में इन्होंने बताया कि श्रम व सेवायोजन विभाग द्वारा किसी सरकारी नौकरी दिलाने के विषय में कोई कार्यवाही नहीं की जाती है. जबकि सेवायोजन की वेबसाइट पर ही स्पष्ट तौर पर सरकारी नौकरी दिलाने तथा उससे संबंधित आवेदन के लिंक तथा फार्म उपलब्ध है. जिससे स्पष्ट होता है कि मंत्री को आंकड़े न देने पड़े इसलिए मंत्री झूठ का सहारा लेकर पूरी तरह से सदन को गुमराह कर रहे हैं. ऐसे ही आज ये प्रदेश के युवाओं और बेरोजगारों को भी गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं.