अयोध्या/मेरठ : राम मंदिर परिसर में बन रहे 18 मंदिरों में पुजारियों की तैनाती की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके लिए ट्रस्ट ने प्रशिक्षित किए गए पुजारियों को नियुक्ति करने की प्रक्रिया साफ कर दी है. पुजारियों के तैनाती के लिए निर्धारित नियमों का पालन करना होगा. यह निर्णय श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक लिया गया है.
अर्चकों को रोटेशन के अनुसार करना होगा कार्य :श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि पूर्व में ही 20 'अर्चकों' को 6 माह के कराए गए प्रशिक्षण के बाद उन्हें प्रमाण पत्र सौंप दिया गया था. अब उन्हें नियुक्त किए जाने के संबंध में एक नियमावली तैयार की गई है. महासचिव चंपत राय ने बताया कि जो अर्चक इस नियमावली को स्वीकार करेंगे, उन्हें क्रमश मंदिर की सेवा में लिया जाएगा. इसके साथ ही परिसर में बन रहे सभी 18 मंदिरों में अर्चकों को अलग-अलग रोटेशन के अनुसार कार्य करना होगा. इसके साथ ही कुछ अन्य प्रावधान भी रखे गए हैं.
स्थाई व्यवस्था बनाने जा रहा दूरदर्शन :श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि इसके साथ ही भगवान की आरती के लिए दूरदर्शन स्थाई व्यवस्था बनाने जा रहा है. ट्रस्ट की बैठक में विचार किया गया है कि राम मंदिर के साथ-साथ परिसर में बन रहे 18 मंदिरों की आरती अच्छी क्वालिटी में दिखाई जाएगी. बताते चलें कि मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से राम मंदिर में प्रतिदिन रामलला की श्रृंगार आरती और शयनआरती का लाइव प्रसारण किया जा रहा है, जिसे दुनिया भर में बैठे भक्त देख रहे हैं.