आगरा :यूपी केझांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से वार्ड में भर्ती 15 मासूम जिंदा जल गए थे. झांसी जैसी घटना होने का आगरा के अस्पतालों में भी खतरा है. जिले में 162 अस्पताल और नर्सिंग होम कभी भी लाक्षागृह बन सकते हैं. इनके पास अग्निशमन विभाग की अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं है. इसके साथ ही दन अस्पताल और नर्सिंग होम में आग से निपटने के इंतजाम और सुरक्षा उपकरण नहीं हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने बिना जांचे-परखे ही इन अस्पताल और नर्सिंग होम के लाइसेंस जारी किए गए हैं.
वहीं, इस बारे में डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग से बिना फायर की एनओसी वाले चिकित्सकीय संस्थानों की सूची मांगी है. अस्पताल के लिए फायर संबंधी शासनादेश के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय होगी.
बता दें कि आगरा में स्वास्थ्य विभाग के यहां पर 1320 चिकित्सकीय संस्थान पंजीकृत हैं. इनमें से 482 अस्पताल और नर्सिंग होम हैं. जिनके 2024-25 सत्र के लिए बीते दिनों लाइसेंस का नवीनीकरण भी किया गया. इसके लिए अग्निशमन विभाग, नगर निगम, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी, एडीए से स्वीकृत नक्शा, चकित्सक पैरामेडिकल स्टाफ का पैनल समेत 17 मानक जरूरी हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी 482 अस्पतालों का भौतिक सत्यापन किए बिना और प्रमाणपत्रों को परखे बिना लाइसेंस का नवीनीकरण कर दिया. जब झांसी मेडिकल कॉलेज में आग से नवजातों की मौत के बाद जिले में हॉस्पिटल व नर्सिंग होम की फायर सुरक्षा ऑडिट शुरू हुई तो ये अग्निशमन विभाग ने अपने रिकॉर्ड खंगाले. जिसमें 320 अस्पताल को ही फायर एनओसी जारी की गई है.
जिले में 452 अस्पताल और नर्सिंग होम:अग्निशमन विभाग के मुताबिक, जिले में 482 अस्पताल व नर्सिंग होम संचालित हैं. जिनमें से 162 अस्पताल में आग लगने पर बुझाने के इंतजाम कागजी हैं. यदि इन चिकित्सकीय संस्थान में आग लगती है तो मरीजों की जान को खतरा बना हुआ है. स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग की संयुक्त टीम ने 15 अस्पताल के निरीक्षण किए तो 6 हॉस्पिटल में फायर एनओसी नहीं मिली. वहां पर अग्निशमन उपकरण भी कामचलाऊ मिले है.
सूची स्वास्थ्य विभाग को दी: आगरा के सीएफओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से तीन साल के रिकॉर्ड देखने पर 320 अस्पताल की ही एनओसी जारी हुई है. सभी अस्पताल के लिए अग्निशमन एनओसी अनिवार्य है. इसलिए, जिले में जो अस्पताल बिना एनओसी और अग्निशमन यंत्र लगाए संचालित हो रहे हैं. ऐसे सभी अस्पताल की सूची बनाकर स्वास्थ्य विभाग को भी दी है.
लाइसेंस निलंबित करेंगे: सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में 482 अस्पताल पंजीकृत हैं. इनमें 5-10 बेड वाले अस्पताल को अग्निशमन उपकरण लगाने और 15 दिन में एनओसी जमा करने की हिदायत दी थी. एनओसी तय समय में नहीं आने पर लाइसेंस निलंबित किए जाएंगे.
यहां नहीं थे इंतजाम :सीएफओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि कमला नगर स्थित हृदयम हॉस्पिटल, सर्वोदय हॉस्पिटल, ओम अशोका हॉस्पिटल, बीएम हॉस्पिटल, ट्रांस यमुना कॉलोनी स्थित आकाश हॉस्पिटल, शकुंतला देवी क्लीनिक एंड परामर्श केंद्र, शास्त्रीपुरम स्थित डीआर हॉस्पिटल में एनओसी नहीं मिली है.
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