देहरादून: उत्तराखंड में निकाय चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. नॉमिनेशन में नाम वापसी के बाद भी निकाय चुनाव में बीजेपी के पूरे प्रदेश भर में तकरीबन 15 से ज्यादा बागी प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. इनमें पार्टी के पूर्व विधायकों के प्रत्याशी भी चुनाव लड़ रहे हैं.
बीते गुरुवार को निकाय चुनाव के नाम वापसी के आखिरी दिन नगर निगम मेयर के लिए 25 , सभासद नगर निगम के 217 , अध्यक्ष नगर पालिका परिषद के 51 , सदस्य नगर पालिका परिषद के 218 , अध्यक्ष नगर पंचायत के 57 , सदस्य नगर पंचायत के 214 नाम वापस लिए गए. निकाय चुनाव में बीजेपी से बगावत कर 25 लोगों ने नॉमिनेशन किया था. नाम वापसी के बाद अभी भी 15 से ज्यादा बागी भाजपा कैंडिडेट के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. देहरादून में मौजूद भाजपा मुख्यालय में पूरे प्रदेश भर में अपने ही प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे भाजपा के इन वाक्यों को लेकर के गहन मंत्रणा चल रही है. नाम वापसी तक कई लोगों से बातचीत की गई. वहीं, कुछ ऐसे भी जिनसे बात करने की लाख कोशिशों के बाद नतीजा सिफर ही निकला.
भाजपा के पूर्व विधायकों ने बढ़ाई टेंशन:निकाय चुनाव में भाजपा से बागी होकर लड़ रहे प्रत्याशियों में केवल छोटे प्रत्याशी नहीं बल्कि कुछ ऐसे भी बड़े नाम भी हैं. इन बड़े नामों ने पार्टी की टेंशन बढ़ाई हुई है. थराली से भाजपा विधायक भूपाल राम टम्टा के बेटे जयप्रकाश ने कर्णप्रयाग नगर पालिका से अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन किया है. उनकी नाम वापसी के लिए कई बार प्रयास किये गये. भूपाल राम टम्टा से भी संपर्क साधने की कोशिश की गई, मगर इसके बाद भी जयप्रकाश ने नाम वापस नहीं लिया. इसके अलावा पुरोला में दायित्वधारी राजकुमार के भाई यशवंत कुमार ने नौगांव से नॉमिनेशन किया है. उन्होंने भी नाम वापस नहीं लिया है. भाजपा के इन नेताओं के करीबियों के चुनाव लड़ने से भाजपा कहीं ना कहीं बैकफुट पर नजर आ रही है. वहीं, जब इन कैंडिडेट्स को मैनेज करने को लेकर बीजेपी से सवाल किया गया तो उन्होंने संपर्क न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.