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अयोध्या के बाद अब काशी में बनेगा रिकॉर्ड; देव दीपावली पर जलेंगे 15 लाख दीये, एक साथ 700 कलाकार देंगे प्रस्तुति

अयोध्या में दीपोत्सव इस बार सबसे अधिक दीये जलाने का विश्व रिकार्ड बना है. अब बनारस में देव दीपावली पर भव्य आयोजन की है तैयारी

15 नवंबर को मनाई जाएगी देव दीपावली.
15 नवंबर को मनाई जाएगी देव दीपावली. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 1, 2024, 9:00 PM IST

वाराणसीःधर्मनगरी काशी त्योहारों वाली नगरी है. यहां हर उत्सव पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है. हर त्योहार काशी वासियों के लिए भव्य और दिव्य उत्सव होता है. इतना ही नहीं बनारस के प्रसिद्ध त्योहार में तो पूरी दुनिया शामिल होती है.

इन्हीं पर्व-त्योहारों में से एक है देव दीपावली. इस मौके पर दुनियाभर के लोग वाराणसी में मौजूद रहते हैं. इस बार बनारस में देव दीपावली पर 15 लाख दीये जलेंगे तो एक साथ 700 कलाकार 84 घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति कर नया रिकॉर्ड बनाएंगे. जिसकी तैयारियों में प्रशासन लगा हुआ है.

काशी में भव्य रूप से मनाई जाएगी देव दीपावली. (Video Credit; ETV Bharat)
15 नवंबर को मनाई जाएगी देव दीपावलीः देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता, जो दीपावली के करीब 15 दिन बाद आता है. वाराणसी के लोगों से साथ ही पूरे प्रदेश, दूसरे राज्यों और विदेशों से भी आने वाले पर्यटक गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं. घाटों पर पूजा की जाती है और दीपक जलाए जाते हैं. इसके साथ ही देव दीपावली पर भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र, भांग, धतूरा, अक्षत्, फूल, माला, फल, शहद, चंदन आदि भी चढ़ाए जाते हैं. हर साल की तरह ही इस बार भी काशी में भव्य देव दीपावली मनाई जाएगी.

फायर क्रैकर, लाइंट एंड साउड शो भी होगाःपर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि देव दीपावली पर्व पर जिसमें बड़ी संख्या में पर्यटक बनारस आते हैं. इसमें आस-पास के जिले ही नहीं बल्कि आसपास के प्रदेश के लोग भी इसमें होते हैं. 12, 13 और 14 नवंबर को गंगा महोत्सव है. 15 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी. पर्यटकों की बड़ी संख्या को देखते हुए कई कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाता है. विभाग के माध्यम से इस बार फायर क्रैकर शो, लाइंट एंड साउड शो (लेजर शो) भी कराया जाएगा.

देव दीपावली के खास कार्यक्रम. (ETV Bharat Gfx)
3 लाख गाय के गोबर से बने जलेंगे दीपकः पर्यटन उपनिदेशक ने बताया कि घाटों को भी बड़ी संख्या में डेकोरेट किया जाएगा. घाटों पर दीये जलाते हुए लाइटिंग की भी व्यवस्था की जाएगी. रेती की तरफ भी सजावट होती है, जिसमें झालरों से सजाया जाता है. इस बार सभी घाटों को जोड़ते हुए एक ऐसा सांस्कृतिक कार्यक्रम कराया जाए, जो अनूठा हो. संस्कृति विभाग के माध्यम से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कराया जाएगा. इसे एक रिकॉर्ड के रूप में बनाया जाएगा. इस बार करीब 12 लाख मिट्टी के दीपक, 3 लाख गाय के गोबर के दीपक घाटों और कुंडों पर जलाए जाएंगे. 700 कलाकार प्रस्तुति देकर बनाएंगे रिकॉर्डःआरके रावत ने बताया कि अस्सी घाट पर मंच बनाकर सांस्कृतिक कार्यक्रम किया जाएगा. प्रयास ये है कि बनारस जिस विशेषता के लिए जाना जाता है, उसी के अनुरूप कार्यक्रम के कलाकारों का चयन किया जाए. इस कार्यक्रम को भव्य रूप से आयोजित कराया जाएगा. लगभग प्रत्येक घाट पर कलाकारों का एक ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें 8 से 10 कलाकार होंगे. सभी घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाने के निर्देश हैं. लगभग 600 से 700 कलाकारों के परफॉर्मेंस होंगे. उनके साथ टीम होगी. इससे एक नया रिकॉर्ड बनाया जाएगा.देव दीपावली पर नाविकों मनमानी कहीं बिगाड़ न दे पर्यटकों का मूडः बता दें कि दीपावली के बाद वाराणसी में त्योहारों की श्रृंखला शुरू होने जा रही है. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण डाला छठ और देव दीपावली है. डाला छठ का पावन पर्व 5 नवंबर से शुरू होगा, जो डूबते और उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ पूरा होगा. वहीं, देव दीपावली के मौके पर बनारस का गंगा घाट पर भी बहुत ज्यादा भीड़ जुटेगी. बनारस के गंगा घाटों पर आने वाले पर्यटकों के साथ गंगा की गोद में घूमने के लिए नौकाओं के नाम पर हो रही मनमानी पर रोक लगाना. क्योंकि गंगा घाटों पर चलने वाली नावों का रेट तो नगर निगम की तरफ से निश्चित है, लेकिन इसका पालन कभीं नहीं होता. जिसकी वजह से नाविक समाज अपनी मनमानी वसूली जारी रखा है.
गंगा में बोट के निर्धारित रेट. (ETV Bharat Gfx)

3 से पांच हजार रुपये तक वसूलते हैं नाविकःबनारस के रहने वाले प्रेमानंद अपने एक रिश्तेदार के साथ दशाश्वमेध घाट पर पहुंचे थे. रिश्तेदारी में हुई एक मृत्यु के बाद अस्थियों का विसर्जन गंगा में करना था. जब उन्होंने गंगा में पहुंचकर नाव के जरिए अस्थि विसर्जन करने के नौका वालों से बात की तो उनका दिमाग ही घूम गया. क्योंकि महज कुछ ही देर के काम के लिए 5000 से डिमांड शुरू की गई, जो आते-आते 500 रुपये पर फाइनल हुई. वहीं, बरेली से अपने परिवार के साथ बनारस घूमने पहुंचे संजय कुमार पूरी बोट बुक करके घूमना चाहते थे. लेकिन जब नाविकों से पूछा तो दशाश्वमेध घाट से अस्सी घाट तक जाने का 3000 रुपये मांगा. जिस पर उन्होंने अपने प्लान को ही ड्रॉप कर दिया. ये उदाहरण हैं जो दिखाते हैं कि नाविक कितनी मनानी करते हैं.

नगर निगम को कार्रवाई करनी चाहिएःगौरतलब है कि जून 2023 में वाराणसी नगर निगम ने गंगा में चलने वाली नावों के लिए रेट निर्धारित कर दिया था. लेकिन आज तक इसका पालन हो ही नहीं पाया है. हालांकि बारे में नौका समिति के संगठन मंत्री शंभू निषाद का कहना है कि कुछ घाटों पर यह समस्या आती है. लेकिन हर घाट पर यह दिक्कत नहीं है. नगर निगम की तरफ से जो रेट निर्धारित है, वह बहुत से नाव वाले पालन करते हैं. बल्कि उससे भी कम रेट लेकर पर्यटकों को घुमाते हैं. वग नहीं चाहते कि बनारस आने वाले पर्यटकों को परेशानी हो और बनारस की छवि खराब हो. लेकिन कुछ लोग हैं जो बनारस की छवि खराब करने के लिए इस तरह का काम करते हैं. इस पर नगर निगम को कार्रवाई करनी चाहिए.

रेट अधिक मांगने पर इस नंबर करें शिकायतःवाराणसी नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि नावों का रेट निर्धारित किया है. हर घाट पर लिस्ट को चस्पा करने के साथ ही लोगों तक पहुंचाने का पूरा प्रयास करते हैं. हाल ही में आई बाढ़ की वजह से बहुत जगह से रेट लिस्ट हट गई है. जिसे जल्द ही अपडेट करवा दिया जाएगा. नाविकों द्वारा यदि रेट ज्यादा मांगा जा रहा है तो कोई भी व्यक्ति टोल फ्री नंबर 1533 या 18001805567 पर कॉल कर या व्हाट्सएप नम्बर 8601872688 पर मैसेज करके शिकायत करे, कार्रवाई जरूर की जाएगी.

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